राधे मां (फोटो: राधे मां की वेबसाइट से)
नई दिल्ली:
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख व दो साध्वियों के साथ बलात्कार के दोष में 20 साल जेल की सज़ा काट रहे गुरमीत राम रहीम की दौलत और भव्य लाइफस्टाइल की भी खूब चर्चा हो रही है. ख़बरों में कहा जा रहा है कि राम रहीम के डेरे में होटल, रिज़ॉर्ट, स्पा और हेल्थ क्लब समेत तमाम सुविधाएं मौजूद हैं. वैसे राम रहीम के अलावा भी हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जो खुद को साधु-संत कहलाना पसंद करते हैं लेकिन उनकी ज़िंदगी में ऐशो-आराम की कोई कमी नहीं. ऐसी ही एक महिला हैं राधे मां जिनकी लाइफस्टाइल भी कम विवादित नहीं. राधे मां के कपड़े, मेकअप, भक्तों से गले मिलना और उन्हें फूल देकर 'आई लव यू फ्रॉम दी बॉटम ऑफ माई हार्ट' कहना सब कुछ बेहद जुदा और विवादित है.
पढ़ें: राधे मां, मीडिया और एंटरटेनमेंट
राधे मां का असली नाम सुखविंदर कौर है और वह मूल रूप से पंजाब के होशियारपुर शहर के मुकरियां की रहने वाली हैं. उनकी शादी 17 साल की उम्र में मोहन सिंह से हुई थी. उनके पति मिठाई की दुकान में काम करते थे. घर की तंगहाली कम करने के लिए सुखविंदर लोगों के कपड़े सिला करती थी. कुछ समय बाद उनके पति नौकरी करने के लिए दोहा चले गए जिसके बाद वो परमहंस डेरा में जाने लगीं. महंत रामाधीन से दीक्षा लेने के बाद आस-पड़ोस के लोग उन्हें अपने घरों में होने वाले सत्संगों में बुलाने लगे. लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही उन्होंने अपने पहनावे को भी बदल दिया और किसी देवी मां की तरह तैयार होने लगीं. आज राधे मां के नाम पर एक मंदिर और एक आश्रम भी है. बताया जाता है कि उनके भक्तों और समर्थकों ने ही उन्हें राधे मां का नाम दिया है. हालांकि कई धार्मिक संगठन उनके इस नाम और पहनावे पर कई बार आपत्ति जता चुके हैं.
वर्तमान में राधे मां मुंबई में रहती हैं. हर दूसरे हफ्ते उनके भवन में माता की चौकी, सत्संग और जागरण होता है जिसमें हज़ारों भक्त शामिल होते हैं. इन भक्तों में आम से लेकर बेहद खास यहां तक कि फिल्मी हस्तियां भी शरीक होती हैं. यही नहीं राधे मां खुले मैदान में दिव्य दर्शन भी देती हैं. उनके समर्थकों का दावा है कि राधे मां कभी-कभार ही गहने पहनती हैं और फिर उन्हें उतार देती हैं. अकसर वे इन गहनों को जरूरतमंद दुल्हनों को भेंट कर देती हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि राधे मां के भक्त ही नहीं चाहते कि वो किसी संन्यासिन की तरह पोशाक पहनें. भक्त अपनी मां को सोलह श्रृंगार के साथ देवी के रूप में ही देखना पसंद करते हैं. भक्तों का मानना है कि राधे मां के पास दैवीय शक्तियां हैं. हालांकि वो खुद कभी ऐसा दावा नहीं करती हैं. उनकी वेबसाइट पर डिवाइन एक्सपीरियंस के नाम से एक सेक्शन है जिसमें एक भक्त ने बताया है कि उसके सीने में बहुत तेज दर्द हो रहा था और कैसे राधे मां के सिर पर हाथ रखते ही दर्द छूमंतर हो गया. भक्तों की मानें तो त्रिशूल के जरिए वो भगवान से जुड़ती हैं और जब भी वो भक्तों के सामने आती हैं तो उनके हाथ में ये त्रिशूल जरूर होता है.
पढ़ें: मैं निर्दोष और पवित्र हूं: राधे मां
राधे मां वैसे तो अपने भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद देती हैं लेकिन उनसे अगर किसी को सीधे मिलना होता तो फिर टल्ली बाबा मदद करते हैं. दरअसल, टल्ली बाबा और छोटी मां दो ऐसे लोग हैं जो राधे मां के सबसे करीब माने जाते हैं. राधे मां की वेबसाइट पर बने डिवाइन एक्सपीरियंस सेक्शन में भी इन दोनों के बारे में बताया गया है. हालांकि टल्ली बाबा राधे मां के सेवादार हैं, लेकिन आरोप लगते रहे हैं कि असल वह उनका बेटा है. राधे मां की हर चौकी, जागरण और दूसरे कार्यक्रमों की सूचना उनके भक्तों तक टल्ली बाबा के माध्यम से ही जाती है. कहा जाता है कि अगर कोई भक्त राधे मां से सीधे मिलना चाहे तो उसे पहले टल्ली बाबा से मिलना होता है. हालांकि, भक्तों को इससे पहले छोटी मां के टेस्ट से गुज़रना होता है. कहा जाता है कि राधे मां ने छोटी मां को अपनी दैवीय शक्तियां दी हुईं हैं.
राधे मां और विवादों का भी चोला-दामन का साथ रहा है. लग्ज़री गाड़ियों, कीमती गहनों और डिज़ाइनर कपड़ों की शौकीन राधे मां की मिनी स्कर्ट पहनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं. भक्तों के गले लगना, भक्तों की गोद में बैठकर दिव्य दर्शन देना और फिल्मी गानों पर उनके साथ डांस करना ये सब राधे मां के खास अंदाज हैं. यही वजह है कि उनपर अश्लीलता फैलाने का भी आरोप लग चुका है. 2003-04 के दौरान पघवारा के एक हिंदू संगठन ने राधे मां के खुद को दुर्गा का अवतार बताए जाने का विरोध किया था. साल 2015 में उन पर दहेज प्रताड़ना का आरोप भी लग चुका है.
बहरहाल, गुरमीत राम रहीम को हुई सज़ा पर राधे मां से जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा था, 'जिनके घर कांच के हैं उन्हें चोट लगी है, मेरा घर पत्थर का है.'
पढ़ें: राधे मां, मीडिया और एंटरटेनमेंट
राधे मां का असली नाम सुखविंदर कौर है और वह मूल रूप से पंजाब के होशियारपुर शहर के मुकरियां की रहने वाली हैं. उनकी शादी 17 साल की उम्र में मोहन सिंह से हुई थी. उनके पति मिठाई की दुकान में काम करते थे. घर की तंगहाली कम करने के लिए सुखविंदर लोगों के कपड़े सिला करती थी. कुछ समय बाद उनके पति नौकरी करने के लिए दोहा चले गए जिसके बाद वो परमहंस डेरा में जाने लगीं. महंत रामाधीन से दीक्षा लेने के बाद आस-पड़ोस के लोग उन्हें अपने घरों में होने वाले सत्संगों में बुलाने लगे. लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही उन्होंने अपने पहनावे को भी बदल दिया और किसी देवी मां की तरह तैयार होने लगीं. आज राधे मां के नाम पर एक मंदिर और एक आश्रम भी है. बताया जाता है कि उनके भक्तों और समर्थकों ने ही उन्हें राधे मां का नाम दिया है. हालांकि कई धार्मिक संगठन उनके इस नाम और पहनावे पर कई बार आपत्ति जता चुके हैं.
वर्तमान में राधे मां मुंबई में रहती हैं. हर दूसरे हफ्ते उनके भवन में माता की चौकी, सत्संग और जागरण होता है जिसमें हज़ारों भक्त शामिल होते हैं. इन भक्तों में आम से लेकर बेहद खास यहां तक कि फिल्मी हस्तियां भी शरीक होती हैं. यही नहीं राधे मां खुले मैदान में दिव्य दर्शन भी देती हैं. उनके समर्थकों का दावा है कि राधे मां कभी-कभार ही गहने पहनती हैं और फिर उन्हें उतार देती हैं. अकसर वे इन गहनों को जरूरतमंद दुल्हनों को भेंट कर देती हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि राधे मां के भक्त ही नहीं चाहते कि वो किसी संन्यासिन की तरह पोशाक पहनें. भक्त अपनी मां को सोलह श्रृंगार के साथ देवी के रूप में ही देखना पसंद करते हैं. भक्तों का मानना है कि राधे मां के पास दैवीय शक्तियां हैं. हालांकि वो खुद कभी ऐसा दावा नहीं करती हैं. उनकी वेबसाइट पर डिवाइन एक्सपीरियंस के नाम से एक सेक्शन है जिसमें एक भक्त ने बताया है कि उसके सीने में बहुत तेज दर्द हो रहा था और कैसे राधे मां के सिर पर हाथ रखते ही दर्द छूमंतर हो गया. भक्तों की मानें तो त्रिशूल के जरिए वो भगवान से जुड़ती हैं और जब भी वो भक्तों के सामने आती हैं तो उनके हाथ में ये त्रिशूल जरूर होता है.
पढ़ें: मैं निर्दोष और पवित्र हूं: राधे मां
राधे मां वैसे तो अपने भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद देती हैं लेकिन उनसे अगर किसी को सीधे मिलना होता तो फिर टल्ली बाबा मदद करते हैं. दरअसल, टल्ली बाबा और छोटी मां दो ऐसे लोग हैं जो राधे मां के सबसे करीब माने जाते हैं. राधे मां की वेबसाइट पर बने डिवाइन एक्सपीरियंस सेक्शन में भी इन दोनों के बारे में बताया गया है. हालांकि टल्ली बाबा राधे मां के सेवादार हैं, लेकिन आरोप लगते रहे हैं कि असल वह उनका बेटा है. राधे मां की हर चौकी, जागरण और दूसरे कार्यक्रमों की सूचना उनके भक्तों तक टल्ली बाबा के माध्यम से ही जाती है. कहा जाता है कि अगर कोई भक्त राधे मां से सीधे मिलना चाहे तो उसे पहले टल्ली बाबा से मिलना होता है. हालांकि, भक्तों को इससे पहले छोटी मां के टेस्ट से गुज़रना होता है. कहा जाता है कि राधे मां ने छोटी मां को अपनी दैवीय शक्तियां दी हुईं हैं.
राधे मां और विवादों का भी चोला-दामन का साथ रहा है. लग्ज़री गाड़ियों, कीमती गहनों और डिज़ाइनर कपड़ों की शौकीन राधे मां की मिनी स्कर्ट पहनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं. भक्तों के गले लगना, भक्तों की गोद में बैठकर दिव्य दर्शन देना और फिल्मी गानों पर उनके साथ डांस करना ये सब राधे मां के खास अंदाज हैं. यही वजह है कि उनपर अश्लीलता फैलाने का भी आरोप लग चुका है. 2003-04 के दौरान पघवारा के एक हिंदू संगठन ने राधे मां के खुद को दुर्गा का अवतार बताए जाने का विरोध किया था. साल 2015 में उन पर दहेज प्रताड़ना का आरोप भी लग चुका है.
बहरहाल, गुरमीत राम रहीम को हुई सज़ा पर राधे मां से जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा था, 'जिनके घर कांच के हैं उन्हें चोट लगी है, मेरा घर पत्थर का है.'