केंद्रीय मंत्री का कहना है कि राजमार्गों पर सड़क किनारे जनसुविधाओं का अभाव है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सरकार जल्द राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रत्येक 50 किलोमीटर में यात्रियों और ट्रक चालकों आदि के लिए जनसुविधाएं विकसित करेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह घोषणा की. गडकरी ने कहा कि मंत्रालय द्वारा तैयार इस नीति के तहत कई तरह की सेवाएं मसलन वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा, फूड कोर्ट, रेस्ट रूम और स्थानीय स्तर पर प्रसिद्ध वस्तुओं की बिक्री की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. सराकर ने कहा कि इससे बेरोजगारी से भी लड़ने में मदद मिलेगी.
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गडकरी ने यहां राजमार्ग गांव और राजमार्ग बसेरा के लोगो को पेश किए जाने पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राजमार्गों पर सड़क किनारे जनसुविधाओं का अभाव है. जर्मनी, यूरोप और अमेरिका में इस तरह की सुविधाएं देखने को मिलती हैं. इसी के मद्देनजर हमने राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रत्येक 50 किलोमीटर में जनसुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला किया है. इनका विकास निजी भागीदारी के जरिये किया जाएगा.
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राष्ट्रीय राजमार्गों के जरिये कार, बस या भारी वाहनों के जरिये गुजरने वाले लोगों के लिए मंत्रालय ने इन इकाइयों के गठन की योजना बनाई है, जिसके तहत न केवल उन्हें उपयुक्त रेस्टरूम और आराम के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी बल्कि वे स्थानीय हस्तशिल्प की भी खरीद कर सकेंगे और स्थानीय भोजन और फल आदि का आनंद ले सकेंगे.
VIDEO: घोटाले पर पर्दा डाल रही है सरकार? अब NHAI प्रमुख ने लिखी चिट्ठी उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यात्री नागपुर में संतरे खरीद सकेंगे, तो नासिक में अंगूर और हिमाचल प्रदेश में सेब खरीद सकेंगे. उन्होंने निवेशकों से इस पहल में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि इस तरह की सड़क किनारे की कम से कम 1,000 इकाइयां बनाने की योजना है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पास 200 ऐसे उपलब्ध हैं. शेष का विकास निीज भूमि मालिकों के साथ सहयोग में किया जाएगा.
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गडकरी ने यहां राजमार्ग गांव और राजमार्ग बसेरा के लोगो को पेश किए जाने पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राजमार्गों पर सड़क किनारे जनसुविधाओं का अभाव है. जर्मनी, यूरोप और अमेरिका में इस तरह की सुविधाएं देखने को मिलती हैं. इसी के मद्देनजर हमने राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रत्येक 50 किलोमीटर में जनसुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला किया है. इनका विकास निजी भागीदारी के जरिये किया जाएगा.
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राष्ट्रीय राजमार्गों के जरिये कार, बस या भारी वाहनों के जरिये गुजरने वाले लोगों के लिए मंत्रालय ने इन इकाइयों के गठन की योजना बनाई है, जिसके तहत न केवल उन्हें उपयुक्त रेस्टरूम और आराम के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी बल्कि वे स्थानीय हस्तशिल्प की भी खरीद कर सकेंगे और स्थानीय भोजन और फल आदि का आनंद ले सकेंगे.
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