कांग्रेस उपाध्यक्ष (राहुल गांधी)
नई दिल्ली:
कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ पर चौतरफा दबाव के बाद केंद्र सरकार ने प्रस्तावित ईपीएफ टैक्स को वापस ले लिया है। इसे नौकरीपेशा लोगों के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे सरकार पर दबाव का नतीजा बताया है।
गौरतलब है कि संसद में आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ईपीएफ के 60 प्रतिशत हिस्से पर लगाए जाने वाले टैक्स के प्रावधान को फिलहाल वापस ले रही है।
पीएम मोदी पर इस फैसले को लेकर हमला करने वाले राहुल गांधी ने कहा कि मुझे महसूस हुआ कि इस निर्णय से सरकार मध्यम वर्ग को कष्ट देने का काम कर रही है। इसलिए मैंने निर्णय लिया कि मैं सरकार पर दबाव बनाऊंगा। मेरे दबाव ने काम भी किया।
उल्लेखनीय है कि फरवरी के अंत में बजट पेश किया गया था, जिसमें प्रस्ताव दिया गया था कि 40% से ऊपर ईपीएफ़ निकालने पर टैक्स लगेगा। और यह टैक्स तभी बच सकता है जब पेंशन स्कीम में निवेश किया गया हो। 15000 रुपये महीने से कम आय पर टैक्स नहीं लगेगा।
गौरतलब है कि संसद में आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ईपीएफ के 60 प्रतिशत हिस्से पर लगाए जाने वाले टैक्स के प्रावधान को फिलहाल वापस ले रही है।
पीएम मोदी पर इस फैसले को लेकर हमला करने वाले राहुल गांधी ने कहा कि मुझे महसूस हुआ कि इस निर्णय से सरकार मध्यम वर्ग को कष्ट देने का काम कर रही है। इसलिए मैंने निर्णय लिया कि मैं सरकार पर दबाव बनाऊंगा। मेरे दबाव ने काम भी किया।
उल्लेखनीय है कि फरवरी के अंत में बजट पेश किया गया था, जिसमें प्रस्ताव दिया गया था कि 40% से ऊपर ईपीएफ़ निकालने पर टैक्स लगेगा। और यह टैक्स तभी बच सकता है जब पेंशन स्कीम में निवेश किया गया हो। 15000 रुपये महीने से कम आय पर टैक्स नहीं लगेगा।
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