नई दिल्ली:
मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में मोगा कांड पर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस सांसदों ने दोनों सदनों में मांग की सदन की कार्रवाई रोकर मोगा कांड से उठे सवालों पर व्यापक चर्चा कराई जाए। लोकसभा में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन स्पीकर ने उसे स्वीकार नहीं हुआ।
बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि पंजाब में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। अमरिंदर ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि पंजाब में बादल सरकार को बर्खास्त किया जाए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, मोगा कांड जिन परिस्थितियों में हुआ उसे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।'
अकाली दल ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह बेवजह एक संवेदनशील मसले पर राजनीति कर रहे हैं। अकाली सांसद चंदू माजरा ने कहा, 'पंजाब सरकार ने मोगा कांड के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सभी दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दायर किया गया है। कांग्रेस के नेता बेवजह इस मसले पर राजनीति कर रहे हैं।'
मोगा कांड पर राजनीतिक गतिरोध की वजह से संसद की कार्रवाई बाधित रही। कांग्रेस ने बादल सरकार की बर्खास्तगी की मांग की तो अकाली दल ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा दिया। मुश्किल ये है कि इस राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की वजह से मोगा कांड से व्यावस्था की खामियों को लेकर जो बड़े सवाल उठे थे वो पीछे छूटते नज़र आ रहे हैं।
क्या है मोगा मामला...
बुधवार को मोगा में एक महिला और उनकी बेटी गुरुद्वारे जाने के लिए बस में सफर कर रही थीं, उसी दौरान बस में मौजूद 6-7 बदमाशों ने उनसे और बेटी के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया।
पीड़ित महिला ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की गई। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी।
ऑर्बिट बस को पुलिस सिक्यॉरिटी..
पिछले दिनों हमारे चैनल ने स्टोरी की थी जिसमें साफ दिख रहा था कि मोगा में बादल परिवार की बस को सुरक्षा दी जा रही है। इस बस के आगे-पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही है ताकि कोई बच्ची और उसकी मां के साथ हुई घटना के गुस्से में उस पर हमला न कर दे। सरकारी खर्चे पर सीएम परिवार की बस कंपनी की बस को खास सुरक्षा दी गई। जब इस बारे में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा से बात की गई तो उनका कहना था कि स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसें दिनोंदिन कम हो रही हैं जबकि सीएम परिवार की बसें बढ़ रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपकी नजर में अब आया पर यह नई बात नहीं है और यहां यह आम बात है। दरअसल इस बस को सरकारी खर्चे पर सुरक्षा दी जा रही है।
सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा था, बदकिस्मती से बस कंपनी हमारी
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस घटना से सबसे ज्यादा दुख मुझे हुआ है। जिस बस में यह घटना हुई, बदकिस्मती से वह हमारी बस कंपनी की है। मैं इसे अच्छा नहीं समझता, लेकिन समाज में हर तरह के लोग हैं। कानून अपना काम करेगा। बादल ने सभी राजनैतिक दलों से अपील की कि इस घटना को राजनैतिक मुद्दा न बनाएं।
बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि पंजाब में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। अमरिंदर ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि पंजाब में बादल सरकार को बर्खास्त किया जाए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, मोगा कांड जिन परिस्थितियों में हुआ उसे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।'
अकाली दल ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह बेवजह एक संवेदनशील मसले पर राजनीति कर रहे हैं। अकाली सांसद चंदू माजरा ने कहा, 'पंजाब सरकार ने मोगा कांड के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सभी दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दायर किया गया है। कांग्रेस के नेता बेवजह इस मसले पर राजनीति कर रहे हैं।'
मोगा कांड पर राजनीतिक गतिरोध की वजह से संसद की कार्रवाई बाधित रही। कांग्रेस ने बादल सरकार की बर्खास्तगी की मांग की तो अकाली दल ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा दिया। मुश्किल ये है कि इस राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की वजह से मोगा कांड से व्यावस्था की खामियों को लेकर जो बड़े सवाल उठे थे वो पीछे छूटते नज़र आ रहे हैं।
क्या है मोगा मामला...
बुधवार को मोगा में एक महिला और उनकी बेटी गुरुद्वारे जाने के लिए बस में सफर कर रही थीं, उसी दौरान बस में मौजूद 6-7 बदमाशों ने उनसे और बेटी के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया।
पीड़ित महिला ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की गई। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी।
ऑर्बिट बस को पुलिस सिक्यॉरिटी..
पिछले दिनों हमारे चैनल ने स्टोरी की थी जिसमें साफ दिख रहा था कि मोगा में बादल परिवार की बस को सुरक्षा दी जा रही है। इस बस के आगे-पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही है ताकि कोई बच्ची और उसकी मां के साथ हुई घटना के गुस्से में उस पर हमला न कर दे। सरकारी खर्चे पर सीएम परिवार की बस कंपनी की बस को खास सुरक्षा दी गई। जब इस बारे में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा से बात की गई तो उनका कहना था कि स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसें दिनोंदिन कम हो रही हैं जबकि सीएम परिवार की बसें बढ़ रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपकी नजर में अब आया पर यह नई बात नहीं है और यहां यह आम बात है। दरअसल इस बस को सरकारी खर्चे पर सुरक्षा दी जा रही है।
सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा था, बदकिस्मती से बस कंपनी हमारी
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस घटना से सबसे ज्यादा दुख मुझे हुआ है। जिस बस में यह घटना हुई, बदकिस्मती से वह हमारी बस कंपनी की है। मैं इसे अच्छा नहीं समझता, लेकिन समाज में हर तरह के लोग हैं। कानून अपना काम करेगा। बादल ने सभी राजनैतिक दलों से अपील की कि इस घटना को राजनैतिक मुद्दा न बनाएं।
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