नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले सप्ताह चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई 23 साल की युवती को न्याय दिलाने की मांग को लेकर रविवार को प्रदर्शन जारी है। कई जगह प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदर्शनकारियों से वादा किया कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलवाया जाएगा।
दुष्कर्मियों को मृत्युदंड देने की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी रविवार सुबह से ही इंडिया गेट पर जमा हो गए थे। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने राष्ट्रपति भवन तथा आसपास के सरकारी दफ्तरों की ओर जाने वाली सभी सड़कें बंद कर दीं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। भीड़ के उग्र तेवरों को देखते हुए पुलिस ने कई जगह निषेधाज्ञा लागू कर दी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसकी परवाह नहीं की। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया और उनकी गाड़ियां तोड़ दी।
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करने का वादा किया। सोनिया ने यह वादा उनसे मिलने पहुंचीं महिलाओं से की। सोनिया से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति जल्द ही बदलेगी और पीड़िता को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या के प्रयास) तथा धारा 201 (सबूत मिटाने या गलत सूचना देने) लगाई जाएगी।"
इस दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह तथा पार्टी की नेता रेणुका चौधरी भी छात्रों से मुलाकात के वक्त मौजूद थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के समर्थन में योग गुरु बाबा रामदेव भी जंतर मंतर पहुंचे। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त कई ऐसे लोग जो किसी समूह या दल से जुड़े नहीं थे। उनमें भी जबरदस्त गुस्सा था।
एक महिला ने बलात्कारियों को मौत की सजा देने की मांग करते हुए कहा, "हमारा गणतंत्र दिवस राजपथ पर मनाया जाता है। बलात्कारियों को यहीं फांसी पर लटकाया जाना चाहिए।"
बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत 25 वर्षीया पल्लवी ने कहा, "सरकार सो रही है। हम इसे जगाना चाहते हैं। कानून मजबूत होना चाहिए और इसका अनुपालन उचित तरीके से होना चाहिए।"
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हेमंत ने कहा कि प्रदर्शन तब तक जारी रहेंगे, जबतक हमें यह आश्वासन नहीं मिल जाता कि लड़कियां दिल्ली में सुरक्षित हैं।
प्रदर्शनकारी बसों की छत पर जाकर नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने कुछ बसों को क्षतिग्रस्त भी किया और टायरों की हवा निकाल दी।
प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के आठ स्टेशन रविवार को बंद कर दिए गए। लेकिन इसका भीड़ पर कोई असर नहीं दिखा।
इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने शांति की अपील करते हुए प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस के रवैये पर नाखुशी जताई।
दुष्कर्मियों को मृत्युदंड देने की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी रविवार सुबह से ही इंडिया गेट पर जमा हो गए थे। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने राष्ट्रपति भवन तथा आसपास के सरकारी दफ्तरों की ओर जाने वाली सभी सड़कें बंद कर दीं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। भीड़ के उग्र तेवरों को देखते हुए पुलिस ने कई जगह निषेधाज्ञा लागू कर दी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसकी परवाह नहीं की। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया और उनकी गाड़ियां तोड़ दी।
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करने का वादा किया। सोनिया ने यह वादा उनसे मिलने पहुंचीं महिलाओं से की। सोनिया से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति जल्द ही बदलेगी और पीड़िता को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या के प्रयास) तथा धारा 201 (सबूत मिटाने या गलत सूचना देने) लगाई जाएगी।"
इस दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह तथा पार्टी की नेता रेणुका चौधरी भी छात्रों से मुलाकात के वक्त मौजूद थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के समर्थन में योग गुरु बाबा रामदेव भी जंतर मंतर पहुंचे। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त कई ऐसे लोग जो किसी समूह या दल से जुड़े नहीं थे। उनमें भी जबरदस्त गुस्सा था।
एक महिला ने बलात्कारियों को मौत की सजा देने की मांग करते हुए कहा, "हमारा गणतंत्र दिवस राजपथ पर मनाया जाता है। बलात्कारियों को यहीं फांसी पर लटकाया जाना चाहिए।"
बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत 25 वर्षीया पल्लवी ने कहा, "सरकार सो रही है। हम इसे जगाना चाहते हैं। कानून मजबूत होना चाहिए और इसका अनुपालन उचित तरीके से होना चाहिए।"
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हेमंत ने कहा कि प्रदर्शन तब तक जारी रहेंगे, जबतक हमें यह आश्वासन नहीं मिल जाता कि लड़कियां दिल्ली में सुरक्षित हैं।
प्रदर्शनकारी बसों की छत पर जाकर नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने कुछ बसों को क्षतिग्रस्त भी किया और टायरों की हवा निकाल दी।
प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के आठ स्टेशन रविवार को बंद कर दिए गए। लेकिन इसका भीड़ पर कोई असर नहीं दिखा।
इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने शांति की अपील करते हुए प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस के रवैये पर नाखुशी जताई।
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