जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा (फाइल फोटो).
जम्मू:
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन आज खासा हंगामेदार रहा. इस दौरान विपक्ष ने पीडीपी-भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और यहां तक कि राष्ट्रगान के समय भी सरकार विरोधी नारे लगते रहे. इस कारण राज्यपाल को अपने संबोधन को छोटा करना पड़ा.
राज्यपाल एनएन वोहरा के विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में प्रवेश के साथ ही नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, माकपा और कश्मीर के अन्य निर्दलीय विधायक तख्ती लेकर खड़े हो गए और सभी मोर्चों पर सरकार की कथित विफलता को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. कुछ विपक्षी नेता काले बैंड में भी नजर आए.
राज्यपाल के प्रवेश के समय राष्ट्रगान बजाया जा रहा था और इस दौरान घाटी में अशांति व कश्मीर में हुई मौतों को लेकर पीडीपी-भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी. हालांकि प्रदर्शनकारियों ने कुछ समय के लिए नारेबाजी बंद भी की. तख्ती लेकर आए विपक्षी सदस्यों ने राज्यपाल के संबोधन के दौरान तीन बार खलल डालने की कोशिश की.
अपने भाषण में राज्यपाल ने नववर्ष में शांति और सामान्य स्थिति के कायम रहने की कामना की और आशा जताई कि जम्मू-कश्मीर के तीनों क्षेत्रों में भाईचारा और सौहार्द की बहाली के लिए सभी सदस्य मिलकर प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस चीज को दोहराते हुए अपनी बात पूरी करूंगा कि मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर में अग्रणी राज्य बनने की बहुत अधिक संभावना है. अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें सभी तरह की असहमति को दूर करने और राज्य को विकास के पथ पर लाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राज्यपाल एनएन वोहरा के विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में प्रवेश के साथ ही नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, माकपा और कश्मीर के अन्य निर्दलीय विधायक तख्ती लेकर खड़े हो गए और सभी मोर्चों पर सरकार की कथित विफलता को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. कुछ विपक्षी नेता काले बैंड में भी नजर आए.
राज्यपाल के प्रवेश के समय राष्ट्रगान बजाया जा रहा था और इस दौरान घाटी में अशांति व कश्मीर में हुई मौतों को लेकर पीडीपी-भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी. हालांकि प्रदर्शनकारियों ने कुछ समय के लिए नारेबाजी बंद भी की. तख्ती लेकर आए विपक्षी सदस्यों ने राज्यपाल के संबोधन के दौरान तीन बार खलल डालने की कोशिश की.
अपने भाषण में राज्यपाल ने नववर्ष में शांति और सामान्य स्थिति के कायम रहने की कामना की और आशा जताई कि जम्मू-कश्मीर के तीनों क्षेत्रों में भाईचारा और सौहार्द की बहाली के लिए सभी सदस्य मिलकर प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस चीज को दोहराते हुए अपनी बात पूरी करूंगा कि मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर में अग्रणी राज्य बनने की बहुत अधिक संभावना है. अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें सभी तरह की असहमति को दूर करने और राज्य को विकास के पथ पर लाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.’’
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