कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मंगलवार को साफ किया है कि वो 1 अगस्त तक अपना सरकारी आवास खाली कर देंगी. उन्होंने केंद्र सरकार से आवास खाली करने को लेकर सामने आई खबरों का खंडन करते हुए इसे फेक न्यूज बताया. प्रियंका गांधी को 1 जुलाई को केंद्र सरकार से अपना 35, लोधी एस्टेट का सरकारी बंगला खाली करने का आदेश मिला था. यह बंगला उन्हें 1997 में अलॉट किया गया था. एविक्शन नोटिस में कहा गया था कि चूंकि पिछले साल उनकी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा हटा ली गई थी, तो अब इस सुविधा का फायदा नहीं उठा सकतीं. उनसे बंगला 1 अगस्त तक खाली करने को कहा गया था.
इस नोटिस में कहा गया था, 'गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए SPG प्रोटेक्शन और Z प्लस सुरक्षा को वापस लिए जाने के बाद, अब आपके पास सुरक्षा के लिहाज से सरकारी आवास मिलने की सुविधा नहीं है, ऐसे में 6B हाउस नंबर- 35, लोधी एस्टेट का अलॉटमेंट 1 जुलाई को तत्काल प्रभाव से कैंसल किया जाता है. इसी किराए पर 1 अगस्त तक आवास में रहने की छूट है.' जानकारी है कि प्रियंका गांधी ने उसी दिन अपना बाकी किराया ऑनलाइन चुका दिया था.
एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रियंका गांधी के आग्रह पर सरकार ने उनको घर खाली करने के लिए और वक्त दिया है, जिसपर प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'यह फेक न्यूज है. मैंने सरकार से ऐसा कोई आग्रह नहीं किया है. 1 जुलाई को मिले एविक्शन लेटर के हिसाब से मैं 35 लोधी एस्टेट का आवास 1 अगस्त तक छोड़ दूंगी.'
प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर कहा कि उनका परिवार डेडलाइन के एक हफ्ते पहले तक यह आवास छोड़ देगा. उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'यह बिल्कुल गलत है. हमने यहां रुकने के लिए अवधि बढ़ाने का कोई आग्रह नहीं किया है. हमें 1 जुलाई को नोटिस दिया गया था कि अगले 30 दिनों में हम आवास छोड़ देंगे. कोविड के ऐसे वक्त में भी हमने अपनी पूरी पैकिंग कर ली है और हम डेडलाइन के एक हफ्ते पहले घर छोड़ देंगे.'
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