कोरोनावायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों की श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Trains) में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इन ट्रेनों में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार ने प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. आंकड़ों की मानें तो श्रमिक स्पेशल में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है. ये मौतें 9 से 27 मई के बीच हुई हैं. इसके अलावा, श्रमिक ट्रेनों के लेट होने और रूट बदल जाने जैसी घटनाएं सामने आई हैं. इसे लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया. जिस पर रेल मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने जवाब देते हुए पहले तथ्यों की जांच कर लेने को कहा है.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में कहा, "श्रमिक ट्रेनों में 80 लोगों की मृत्यु हो गई. 40% ट्रेनें लेट चल रही हैं. कितनी ट्रेनें रास्ता भटक गईं. कई जगह यात्रियों के साथ अमानवीय व्यवहार की तस्वीरें हैं. इन सबके बीच रेल मंत्रालय का ये कहना कि कमजोर लोग ट्रेन से यात्रा न करें चौकाने वाला है. श्रमिक ट्रेनों की शुरू से उपेक्षा की गई जबकि इस मौके पर श्रमिकों के साथ ज्यादा संवेदनशीलता के साथ काम लेना चाहिए."
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रियंका गांधी के ट्वीट के जवाब में कहा- "निवेदन है कि कृपया तथ्यों को पहले जांच लें. श्रमिक स्पेशल ट्रेनें आम दिनों में चलने वाली सुपरफास्ट ट्रेनों की तुलना में भी अधिक तेजी से चल रही हैं, और सिर्फ कुछ दिनों के लिये एक सेक्शन पर अधिक ट्रेन होने से कुछ ट्रेनों को डाइवर्ट किया गया था, व उसमें भी कोई ट्रेन भटकी नहीं थी."
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