नई दिल्ली:
राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई के प्रस्ताव का खेल तेज होता दिखाई दे रहा है। गुरुवार को भाजपा ने कांग्रेसी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तो शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने भाजपा सांसदों पर भी कार्रवाई की मांग कर दी।
दरअसल भाजपा के तीस सांसदों ने गुरुवार को राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को ज्ञापन दिया था, कांग्रेसी सांसद, मॉनसून सत्र के पहले दिन से सदन नहीं चलने दे रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि वे दूसरे सांसदों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दे रहे। अब शुक्रवार को नरेश अग्रवाल ने भाजपा सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया।
नरेश अग्रवाल कहते हैं, "बीजेपी सांसदों की मांग असंवैधानिक है ...गैर-कानूनी है। उन्होंने गलत तरीके से राज्य सभा के सभापति पर दबाव डालने की कोशिश की है। मेरा विशेषाधिकार हनन का नोटिस इसी पर केन्द्रित है।"
भाजपा की पहल के खिलाफ सपा ही नहीं, बीएसपी भी खड़ी हो गई। शुक्रवार को बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भाजपा सांसदों की पहल की निंदा की और कहा कि सदन के सभापति पर इस तरह से दबाव बनाना बेहद गलत है। मायावती ने कहा, "बीजेपी सांसद कांग्रेसी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिस तरह से राज्य सभा के सभापति पर दबाव डाल रहे हैं, वह ठीक नहीं है। बसपा इसके खिलाफ है।"
उधर भाजपा कह रही है कि विशेषाधिकार हनन का नोटिस तो नरेश अग्रवाल और कांग्रेस के खिलाफ लाया जाना चाहिए जो सदन नहीं चलने दे रहे हैं। भाजपा के नेता निशिकांत दुबे ने एनडीटीवी से कहा, "कांग्रेसी सांसद जिस तरह से सदन नहीं चलने दे रहे हैं उसके बाद तो कार्रवाई उनके खिलाफ ही होनी चाहिए"।
लोक सभा की तर्ज़ पर राज्य सभा में भी मॉनसून सत्र के पहले दिन हंगामा कर रहे कांग्रेसी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग ने विपक्ष को लामबंद कर दिया है। मुश्किल यह है कि राज्य सभा में आंकड़े विपक्ष के साथ हैं और वहां विपक्ष के विरोध से निपटना सरकार के लिए बेहद मुश्किल चुनौती साबित होगा।
दरअसल भाजपा के तीस सांसदों ने गुरुवार को राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को ज्ञापन दिया था, कांग्रेसी सांसद, मॉनसून सत्र के पहले दिन से सदन नहीं चलने दे रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि वे दूसरे सांसदों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दे रहे। अब शुक्रवार को नरेश अग्रवाल ने भाजपा सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया।
नरेश अग्रवाल कहते हैं, "बीजेपी सांसदों की मांग असंवैधानिक है ...गैर-कानूनी है। उन्होंने गलत तरीके से राज्य सभा के सभापति पर दबाव डालने की कोशिश की है। मेरा विशेषाधिकार हनन का नोटिस इसी पर केन्द्रित है।"
भाजपा की पहल के खिलाफ सपा ही नहीं, बीएसपी भी खड़ी हो गई। शुक्रवार को बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भाजपा सांसदों की पहल की निंदा की और कहा कि सदन के सभापति पर इस तरह से दबाव बनाना बेहद गलत है। मायावती ने कहा, "बीजेपी सांसद कांग्रेसी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिस तरह से राज्य सभा के सभापति पर दबाव डाल रहे हैं, वह ठीक नहीं है। बसपा इसके खिलाफ है।"
उधर भाजपा कह रही है कि विशेषाधिकार हनन का नोटिस तो नरेश अग्रवाल और कांग्रेस के खिलाफ लाया जाना चाहिए जो सदन नहीं चलने दे रहे हैं। भाजपा के नेता निशिकांत दुबे ने एनडीटीवी से कहा, "कांग्रेसी सांसद जिस तरह से सदन नहीं चलने दे रहे हैं उसके बाद तो कार्रवाई उनके खिलाफ ही होनी चाहिए"।
लोक सभा की तर्ज़ पर राज्य सभा में भी मॉनसून सत्र के पहले दिन हंगामा कर रहे कांग्रेसी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग ने विपक्ष को लामबंद कर दिया है। मुश्किल यह है कि राज्य सभा में आंकड़े विपक्ष के साथ हैं और वहां विपक्ष के विरोध से निपटना सरकार के लिए बेहद मुश्किल चुनौती साबित होगा।
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