प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने निजी क्षेत्र के अंशधारकों के लिए नेशनल पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से जुड़ने की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ाकर 65 साल कर दी है. अब तक यह उम्र सीमा 60 साल थी.
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी. मंत्रालय के अनुसार पीएफआरडीए ने पेंशन दायरा बढ़ाने के लिए पिछले कुछ साल में कई पहल की हैं. इसमें कहा गया है, ‘‘अब 60 से 65 साल की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक एनपीएस से जुड़ सकता है और 70 साल की उम्र तक इसमें बना रह सकता है.’’
VIDEO : पेंशन योजना के फायदे
नेशनल पेंशन स्कीम यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में भागीदारी के लिए पहले न्यूनतम सालाना निवेश छह हजार रुपये करना जरूरी होता था लेकिन गत वर्ष न्यूनतम सालाना निवेश की सीमा एक हजार रुपये कर दी गई. एनपीएस के प्रथम श्रेणी के खातों को परिचालन में बनाए रखने के लिए अब तक हर वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में कम से कम 6,000 रुपए का योगदान अनिवार्य था. लेकिन ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने के लिए पीएफआरडीए ने यह कदम उठाया.
(इनपुट भाषा से)
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी. मंत्रालय के अनुसार पीएफआरडीए ने पेंशन दायरा बढ़ाने के लिए पिछले कुछ साल में कई पहल की हैं. इसमें कहा गया है, ‘‘अब 60 से 65 साल की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक एनपीएस से जुड़ सकता है और 70 साल की उम्र तक इसमें बना रह सकता है.’’
VIDEO : पेंशन योजना के फायदे
नेशनल पेंशन स्कीम यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में भागीदारी के लिए पहले न्यूनतम सालाना निवेश छह हजार रुपये करना जरूरी होता था लेकिन गत वर्ष न्यूनतम सालाना निवेश की सीमा एक हजार रुपये कर दी गई. एनपीएस के प्रथम श्रेणी के खातों को परिचालन में बनाए रखने के लिए अब तक हर वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में कम से कम 6,000 रुपए का योगदान अनिवार्य था. लेकिन ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने के लिए पीएफआरडीए ने यह कदम उठाया.
(इनपुट भाषा से)
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