यूपी में बना महागठबंधन (Mahagathbandhan) पहले लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) में अपने लक्ष्य पाने में नाकाम रहा और उसके बाद अब वह टूटता नज़र आ रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के साथ-साथ कई नेताओं ने बुआ-बबुआ की जोड़ी को चुनाव परिणाम के बाद टूटने की बात कही थी. बता दें कि दिल्ली में कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में मायावती (Mayawati) ने साफ कर दिया कि विधानसभा की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में BSP अकेले लड़ेगी. वैसे ये भी एक नया चलन है, क्योंकि बीएसपी (BSP) आम तौर पर उपचुनाव लड़ने से अब तक परहेज करती रही है, लेकिन आज की बैठक में मायावती ने जो कुछ कहा, उससे साफ है कि वो नई राजनीतिक लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही हैं और गठबंधन उनके लिए अप्रासंगिक हो रहा है. बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले 12 जनवरी को उत्तर प्रदेश की राजनीति के दो कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने मिलकर आम चुनाव लड़ने का ऐतिहासिक फैसला लिया था, लेकिन चुनाव में इस गठबंधन को उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली. बसपा के खाते में 10 सीटें आईं, जबकि सपा को 5 सीट से ही संतोष करना पड़ा. हालांकि गठबंधन तोड़ने का ऐलान अभी तक बसपा प्रमुख मायावती ने औपचारिक रूप से नहीं किया है. इन सबके बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी की यह भविष्यवाणी सच साबित हो गई कि चुनाव बात यह गठबंधन टूट जाएगा. पीएम मोदी के साथ-साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चुनाव बाद इस गठबंधन के टूटने की बात कही थी.
पीएम ने चुनाव बाद बुआ-बबुआ की जोड़ी टूटने की बात कही थी
- चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महागठबंधन को महामिलावट बताया था. पीएम मोदी ने इसके साथ-साथ यह भी कहा था कि चुनाव के बाद यह गठबंधन नहीं टिकेगा. अब कहीं न कहीं प्रधानमंत्री मोदी की बात सच साबित होते दिख रही है. पीएम मोदी ने यूपी के ऐटा में कहा था कि 23 मई के बाद बुआ-बबुआ की जोड़ी टूट जाएगी.
- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद बुआ-बबुआ की जोड़ी नहीं टिकेगी. योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सपा-बसपा कार्यकर्ताओं के बीच खून-खराबे की आशंका के मद्देनजर वह सुरक्षा संबंधी एक 'एडवाइजरी' जारी करेंगे. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती की तरफ इशारा करते हुए कहा 'अगली 23 मई को जब परिणाम आएगा तो बुआ बोलेगी कि बबुआ तो गुंडों का सरदार है. वहीं, बबुआ बोलेगा कि बुआ तो भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति है. आप देख लेना. यह तय है.
- सपा-बसपा गठबंधन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी खुश नहीं थे. मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अखिलेश ने मुझसे पूछे बिना ही बसपा से गठबंधन कर लिया. आधी सीटें देने का आधार क्या है? अब हमारे पास केवल आधी सीटें रह गई हैं. हमारी पार्टी कहीं अधिक दमदार है. मुलायम ने कहा कि हम सशक्त हैं, लेकिन हमारे लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं.
- LJP अध्यक्ष रामविलास पासवान ने भी चुनाव बाद सपा-बसपा गठबंधन के टूटने की बात कही थी. मीडिया में जैसे ही ऐसी खबर आई उन्होंने ट्वीट करते हुए सपा-बसपा गठबंधन पर चुटकी ली और कहा कि लोकसभा चुनाव के दरमियान मैंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में, सपा-बसपा गठबंधन चुनावों के बाद टूट जाएगा. आज मैं फिर कहता हूं कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन समाप्त हो जाएगा.
- लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के पार्टी पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक में मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुछ विधानसभा सीटों पर संभावित उपचुनाव बसपा अपने बलबूते लड़ेगी. सूत्रों के अनुसार उन्होंने इसके लिये बसपा का संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने की जरूरत पर बल देते हुए पार्टी पदाधिकारियों को उपचुनाव की तैयारियां तेज करने को कहा गया है.
- उत्तर प्रदेश में भाजपा के 9 और सपा-बसपा के एक-एक विधायक के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्य की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे. बसपा, हालांकि अब तक उपचुनाव नहीं लड़ती थी. इसके मद्देनजर मायावती का यह निर्देश अहम माना जा रहा है. लोकसभा चुनाव में बसपा को 10 और सपा को महज पांच सीट मिल सकी. सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में बसपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.
- मायावती ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन की सहयोगी, सपा का वोटबैंक बसपा के पक्ष में स्थानांतरित नहीं होने की दलील देते हुए पार्टी पदाधिकारियों को कहा कि पार्टी अब 'गठबंधनों' पर निर्भर रहने के बजाय अपना संगठन मजबूत कर अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ पार्टी के परंपरागत वोटबैंक का ही योगदान रहा.
- बैठक में बसपा प्रमुख ने मायावती ने यह भी टिप्पणी की कि अखिलेश अपनी पत्नी डिंपल तक को नहीं जिता पाए. बता दें कि डिंपल यादव ने कन्नौज से चुनाव लड़ा था. दो बार की सांसद डिंपल यादव उत्तर प्रदेश में अपनी कन्नौज सीट भाजपा से हार गईं. उन्होंने कहा कि कन्नौज में यादव वोट नहीं मिले, हमारे पूरे वोट डिंपल को मिले. मायावती ने कहा कि परिणाम ने साफ संकेत दिया कि यादव समुदाय ने डिंपल यादव को वोट देने की बजाय भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया.
- उधर, यूपी के आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी की हार पर कहा कि यह लड़ाई दूसरे किस्म की थी, जिसे वह समझ नहीं पाए. आजमगढ़ से सांसद चुने जाने के बाद जनता का धन्यवाद करने आए अखिलेश ने एक जनसभा में कहा कि लोकसभा चुनाव में फरारी कार और साइकिल के बीच मुकाबला था. सब जानते थे कि फरारी जीत जाएगी. लोकसभा चुनाव मुद्दों पर नहीं हुआ, वह तो कुछ और ही बातों पर हुआ है. उन्होंने कहा कि यह अलग किस्म की लड़ाई थी, हम इस लड़ाई को नहीं समझ पाए. जिस दिन हम इस लड़ाई को समझ जाएंगे उस दिन जीत जाएंगे.
- मायावती का कहना है कि अजित सिंह जाट वोट को ट्रांसफर कराने में नाकाम रहे ऐसे में साथ चलने का कोई मतलब नहीं रह गया है. लोकसभा चुनाव में आरएलडी का एक भी उम्मीदवार जीत नहीं दर्ज करा पाया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका कोई फायदा नहीं हुआ.