प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एक मशहूर फेसबुक पेज के साथ बातचीत के दौरान अपने बचपन के दिनों को याद किया. उन्होंने हिमालय (Himalaya) में बिताए अपने दो सालों के बारे में भी बातचीत की. 'Humans of Bombay' नाम के फेसबुक पेज पर पीएम मोदी के शब्दों में उनकी कहानी बयां की. पीएम मोदी ने बताया कि उनका राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ रुझान कैसे हुआ. उनकी कहानी कई हिस्सों में फेसबुक पेज पर शेयर की गई है. मंगलवार को शेयर किए गए हिस्से में उन्होंने हिमालय से वापस लौटने के बाद की जिंदगी के बारे में बात की.
फेसबुक पोस्ट में कहा, 'हिमालय से वापस आने के बाद मैंने जाना कि मेरी जिंदगी दूसरों की सेवा के लिए है. लौटने के कुछ समय बाद ही मैं अहमदाबाद चला गया. मेरी जिंदगी अलग तरह की थी, मैं पहली बार किसी बड़े शहर में रह रहा था. वहां मैं मेरे अंकल की कैंटीन में कभी-कभी उनकी मदद करता था. आखिरकार मैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का फुल टाइम प्रचारक बन गया. वहां पर मुझे जिंदगी के अलग-अलग क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले लोगों से संपर्क में आने का मौका मिला और वहां मैंने काफी काम भी किया. आरएसएस ऑफिस को साफ करने, साथियों के लिए चाय-खाना बनाने और बर्तन धोने की सबकी बारी आती थी.'
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पीएम मोदी ने कहा कि वह हिमालय में मिली शांति को नहीं भूलना चाहते थे. इसलिए उन्होंने जिंदगी में संतुलन बनाने के लिए हर साल से पांच दिन निकलाकर अकेले में बिताने का फैसला किया.
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उन्होंने कहा, 'ज्यादा लोग इस बारे में नहीं जानते, लेकिन मैं दिवाली के मौके पर पांच दिन ऐसे जगह जाता हूं. ये जगह कहीं भी जंगल में हो सकती है, जहां साफ पानी हो और लोग न हों. मैं उन पांच दिनों का खाना पैक कर लेता हूं. वहां उस दौरान रेडियो, टीवी, इंटरनेट और न्यूजपेपर नहीं होता.' उन्होंने कहा कि एकांत उन्हें जिंदगी जीने के लिए मजबूती देता है.
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