रामविलास पासवान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने का फैसला करने के बाद अन्य सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. लोकजनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा है कि रामनाथ कोविंद के नाम का विरोध करने वाले दलित विरोधी माने जाएंगे. उधर, रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सभी दलों से दलगत राजनीति से ऊपर उठने की अपील की. उन्हें कहा कि आशा करता हूं सभी दल सहमत होंगे. शाह ने दावा किया कि पीएम मोदी ने सोनिया गांधी को भी इस बारे में बताया है. नाम तय करने से पहले सभी दलों से चर्चा हुई थी. शाह ने यह भी कहा कि 23 जून को नामांकन होने की संभावना है.
उधर, कांग्रेस की ओर गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि बीजेपी ने इकतरफ़ा फ़ैसला लिया. हालांकि उन्होंने कोविंद की उम्मीदवारी पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब फ़ैसला हो गया तो उसमें आम सहमति की गुंजाइश रही नहीं.
उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कोविंद की राजनीतिक पृष्ठभूमि से सहमत नहीं लेकिन उनके प्रति हमारी पार्टी का दृष्टिकोण सकारात्मक रहेगा. वैसे नाम का ऐलान करने से पहले सभी पार्टियों चर्चा की गई होती तो अच्छा होता. उधर, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सलाह मशवरे की गुंजाइश रही नहीं. बीजेपी ने घोषणा कर दी, अब विपक्ष पार्टियां अपना निर्णय लेंगे.
तेलंगाना राष्ट्र समिति ने राम गोविंद के नाम का फैसला का समर्थन किया. नीतीश कुमार ने भी रामनाथ कोविंद का खुलकर समर्थन किया है. जहां तक शिवसेना की बात है तो प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, "7 बजे उद्धव, समर्थन करने या न करने के बारे में बता सकते हैं. अमित शाह ने फ़ोन कर जानकारी दी, समर्थन मांगा है."
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर निवासी वरिष्ठ भाजपा नेता रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने को देश के दलित समुदाय का सर्वोच्च सम्मान करार देते हुए सभी सियासी पाटर्यिों से दलगत भावना से ऊपर उठकर कोविंद के समर्थन की अपील की. मालूम हो कि राजग ने आज कानपुर देहात जिले के घाटमपुर के रहने वाले पूर्व राज्यसभा सदस्य रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया.
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि कि सुष्मा या अडवाणी को उम्मीदवार बनाया जा सकता था. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कद के होना चाहिए.
उधर, कांग्रेस की ओर गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि बीजेपी ने इकतरफ़ा फ़ैसला लिया. हालांकि उन्होंने कोविंद की उम्मीदवारी पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब फ़ैसला हो गया तो उसमें आम सहमति की गुंजाइश रही नहीं.
उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कोविंद की राजनीतिक पृष्ठभूमि से सहमत नहीं लेकिन उनके प्रति हमारी पार्टी का दृष्टिकोण सकारात्मक रहेगा. वैसे नाम का ऐलान करने से पहले सभी पार्टियों चर्चा की गई होती तो अच्छा होता. उधर, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सलाह मशवरे की गुंजाइश रही नहीं. बीजेपी ने घोषणा कर दी, अब विपक्ष पार्टियां अपना निर्णय लेंगे.
तेलंगाना राष्ट्र समिति ने राम गोविंद के नाम का फैसला का समर्थन किया. नीतीश कुमार ने भी रामनाथ कोविंद का खुलकर समर्थन किया है. जहां तक शिवसेना की बात है तो प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, "7 बजे उद्धव, समर्थन करने या न करने के बारे में बता सकते हैं. अमित शाह ने फ़ोन कर जानकारी दी, समर्थन मांगा है."
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर निवासी वरिष्ठ भाजपा नेता रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने को देश के दलित समुदाय का सर्वोच्च सम्मान करार देते हुए सभी सियासी पाटर्यिों से दलगत भावना से ऊपर उठकर कोविंद के समर्थन की अपील की. मालूम हो कि राजग ने आज कानपुर देहात जिले के घाटमपुर के रहने वाले पूर्व राज्यसभा सदस्य रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया.
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि कि सुष्मा या अडवाणी को उम्मीदवार बनाया जा सकता था. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कद के होना चाहिए.
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