फाइल फोटो
नई दिल्ली:
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में कश्मीर की आजादी व देश विरोधी नारे लगाने के मामले में गिरफ्तार डीयू के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई है।
इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर और देश विरोधी हैं। प्रोफेसर गिलानी की ओर से दायर जमानत अर्जी में कहा गया था कि उन्होंने केवल कार्यक्रम की बुकिंग कराई थी। उन्होंने कोई नारे नहीं लगाए। वह उक्त जगह पर लोगों को नारे लगाने से रोक रहे थे। वह केवल मॉडरेटर की भूमिका में थे। वहां कश्मीर से अन्य लोग भी आए थे, जिन्होंने नारेबाजी की। उनके खिलाफ पुलिस के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए।
दरअसल अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में 10 फरवरी को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कश्मीरी लोगों ने देश के खिलाफ नारेबाजी की थी। पुलिस ने इस पर देशद्रोह और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत उसी दिन प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी क्लब की ओर से मिली शिकायत के बाद दर्ज की गई थी। इस मामले में गिलानी की गिरफ्तारी जेएनयू छात्रसंघ के नेता कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को लेकर चल रहे विवाद के दौरान हुई थी।
इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर और देश विरोधी हैं। प्रोफेसर गिलानी की ओर से दायर जमानत अर्जी में कहा गया था कि उन्होंने केवल कार्यक्रम की बुकिंग कराई थी। उन्होंने कोई नारे नहीं लगाए। वह उक्त जगह पर लोगों को नारे लगाने से रोक रहे थे। वह केवल मॉडरेटर की भूमिका में थे। वहां कश्मीर से अन्य लोग भी आए थे, जिन्होंने नारेबाजी की। उनके खिलाफ पुलिस के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए।
दरअसल अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में 10 फरवरी को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कश्मीरी लोगों ने देश के खिलाफ नारेबाजी की थी। पुलिस ने इस पर देशद्रोह और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत उसी दिन प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी क्लब की ओर से मिली शिकायत के बाद दर्ज की गई थी। इस मामले में गिलानी की गिरफ्तारी जेएनयू छात्रसंघ के नेता कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को लेकर चल रहे विवाद के दौरान हुई थी।
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