नई दिल्ली:
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने सेवानिवृत्ति के बाद पुणे में अपने आवास के विचार को त्याग दिया है। भूमि हड़पने के आरोपों और गलत तथ्य पेश किए जाने पर राष्ट्रपति की ओर से यह फैसला किया गया है।
राष्ट्रपति भवन से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया, "जिस बात ने राष्ट्रपति को सर्वाधिक पीड़ा पहुंचाई है, वह यह है कि कुछ लोगों ने राष्ट्रपति को इस तरह से पेश किया है कि उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद आवास के लिए एक रक्षा भूमि को स्वीकार करने पर अपनी सहमति देकर वीरांगनाओं एवं पूर्व सैन्यकर्मियों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाई है।"
बयान के मुताबिक, "लेकिन तथ्य इसके विपरीत हैं। राष्ट्रपति ने अपने बहादुर जवानों जो देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए अपना बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उनके प्रति सदा ही गर्व महसूस किया है। वह वीरांगनाओं के लिए सर्वाधिक सम्मान रखती हैं।"
उल्लेखनीय है कि पुणे में पूर्व सैन्यकर्मियों के एक संगठन ने दावा किया है कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के सेवानिवृत्ति के बाद के आवास के लिए पांच एकड़ से अधिक भूमि का आवंटन किया गया है।
बयान में कहा गया, "इन आरोपों पर राष्ट्रपति ने प्रतिक्रिया न देना उचित समझा क्योंकि उन्होंने खुद को देश के संविधान के प्रति जवाबदेह पाया है। यह सोचा गया कि एक बार जब तथ्य सार्वजनिक होंगे तो इससे सम्बंधित लोगों की चिंताएं दूर हो जाएंगी लेकिन राष्ट्रपति सचिवालय से स्पष्टीकरण जारी होने के बावजूद गलत तथ्यों का प्रकाशन जारी है जो दुर्भाग्यपूण है।"
बयान के मुताबिक, "उम्मीद है कि अब इस सम्बंध में सभी गलत बातों पर रोक लग जाएगी।"
राष्ट्रपति भवन से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया, "जिस बात ने राष्ट्रपति को सर्वाधिक पीड़ा पहुंचाई है, वह यह है कि कुछ लोगों ने राष्ट्रपति को इस तरह से पेश किया है कि उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद आवास के लिए एक रक्षा भूमि को स्वीकार करने पर अपनी सहमति देकर वीरांगनाओं एवं पूर्व सैन्यकर्मियों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाई है।"
बयान के मुताबिक, "लेकिन तथ्य इसके विपरीत हैं। राष्ट्रपति ने अपने बहादुर जवानों जो देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए अपना बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उनके प्रति सदा ही गर्व महसूस किया है। वह वीरांगनाओं के लिए सर्वाधिक सम्मान रखती हैं।"
उल्लेखनीय है कि पुणे में पूर्व सैन्यकर्मियों के एक संगठन ने दावा किया है कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के सेवानिवृत्ति के बाद के आवास के लिए पांच एकड़ से अधिक भूमि का आवंटन किया गया है।
बयान में कहा गया, "इन आरोपों पर राष्ट्रपति ने प्रतिक्रिया न देना उचित समझा क्योंकि उन्होंने खुद को देश के संविधान के प्रति जवाबदेह पाया है। यह सोचा गया कि एक बार जब तथ्य सार्वजनिक होंगे तो इससे सम्बंधित लोगों की चिंताएं दूर हो जाएंगी लेकिन राष्ट्रपति सचिवालय से स्पष्टीकरण जारी होने के बावजूद गलत तथ्यों का प्रकाशन जारी है जो दुर्भाग्यपूण है।"
बयान के मुताबिक, "उम्मीद है कि अब इस सम्बंध में सभी गलत बातों पर रोक लग जाएगी।"
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