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This Article is From May 10, 2018

राष्ट्रपति कोविंद ने दिल्ली वर्किंग जनर्लिस्ट एक्ट को मंजूरी दी

दिल्ली विधानसभा ने वर्किंग जनर्लिस्ट अधिनियम में संशोधन के लिए दिसंबर 2015 में यह विधेयक पारित किया था.

राष्ट्रपति कोविंद ने दिल्ली वर्किंग जनर्लिस्ट एक्ट को मंजूरी दी
राष्ट्रपति कोविंद की फाइल फोटो
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली वर्किंग जर्नलिस्ट संशोधन अधिनियम 2015 को मंजूरी दे दी है. यह मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने को सुनिश्चित करता है और कानून का पालन नहीं किए जाने की स्थिति में दंडनीय प्रावधान भी करता है. इस कानून का पालन नहीं किए जाने पर एक साल तक की सजा हो सकती है. दिल्ली विधानसभा ने वर्किंग जनर्लिस्ट अधिनियम में संशोधन के लिए दिसंबर 2015 में यह विधेयक पारित किया था. इस कदम का उद्देश्य मौजूदा कानून में बदलावों को प्रभावी करना है.

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श्रम मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा कि देश में मजीठिया वेतन बोर्ड को प्रभावी ढंग से लागू करने को सुनिश्चित करने के लिए कानून में संशोधन करने वाला दिल्ली पहला राज्य बन गया है. यह कानून दिल्ली आधारित मीडिया संगठनों पर लागू होगा. इस कानून के मुताबिक अनुबंध ( कॉंट्रेक्ट ) पर रखे गए पत्रकारों से श्रमजीवी पत्रकार ( वर्किंग जनर्लिस्ट ) जैसा व्यवहार किया जाएगा.

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दिल्ली सरकार की एक अधिसूचना में कहा गया है कि किसी कर्मचारी को बकाया राशि का भुगतान नहीं करने की स्थिति में नियोक्ता को दंडित किया जाएगा. कानून , न्याय और विधायी मामलों के विभाग ने सात मई को यह अधिसूचना जारी की है. नए कानून के मुताबिक इसका उल्लंघन करने वाले पर 5,000 रूपया से 10,000 रूपया तक जुर्माना और उसे एक साल तक की सजा हो सकती है. (इनपुट भाषा से)  

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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