जयपुर:
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने को लेकर कुछ हलकों में विरोध के बीच विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने रविवार को कहा कि यह कभी धर्मनिरपेक्ष नहीं था और यह ‘वैदिक और सनातन’है।
उन्होंने यह भी कहा कि सूर्य नमस्कार योग का एक अनिवार्य हिस्सा है और इसके बगैर योग पूरा नहीं हो सकता।
तोगड़िया ने यहां विहिप के एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, ओम और सूर्य नमस्कार, योग की दो क्रियाएं हैं, जो आवश्यक हैं और उनके बगैर योग अधूरा है। उन्होंने कहा कि योग कभी धर्मनिरपेक्ष नहीं था, यह कहीं अधिक ‘वैदिक और सनातन’ है।
उन्होंने कहा, जो ओम और सूर्य नमस्कार नहीं चाहते, उन्हें बेहतर स्वास्थ्य के लिए सिर्फ जिम में कसरत करनी चाहिए। तोगड़िया ने चेतावनी दी, जो स्वस्थ जीवन चाहते हैं उन्हें योग का मार्ग चुनना चाहिए और जो आत्महत्या (बेहतर जीवन नहीं) चाहते हैं वे इससे दूर रह सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विहिप योगाभ्यासों में कोई बदलाव नहीं होने देगा।
राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से इतर उन्होंने कहा कि विहिप के कार्यक्रम के तहत अगले तीन साल में पांच लाख स्वास्थ्य दूत प्रशिक्षित किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सूर्य नमस्कार योग का एक अनिवार्य हिस्सा है और इसके बगैर योग पूरा नहीं हो सकता।
तोगड़िया ने यहां विहिप के एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, ओम और सूर्य नमस्कार, योग की दो क्रियाएं हैं, जो आवश्यक हैं और उनके बगैर योग अधूरा है। उन्होंने कहा कि योग कभी धर्मनिरपेक्ष नहीं था, यह कहीं अधिक ‘वैदिक और सनातन’ है।
उन्होंने कहा, जो ओम और सूर्य नमस्कार नहीं चाहते, उन्हें बेहतर स्वास्थ्य के लिए सिर्फ जिम में कसरत करनी चाहिए। तोगड़िया ने चेतावनी दी, जो स्वस्थ जीवन चाहते हैं उन्हें योग का मार्ग चुनना चाहिए और जो आत्महत्या (बेहतर जीवन नहीं) चाहते हैं वे इससे दूर रह सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विहिप योगाभ्यासों में कोई बदलाव नहीं होने देगा।
राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से इतर उन्होंने कहा कि विहिप के कार्यक्रम के तहत अगले तीन साल में पांच लाख स्वास्थ्य दूत प्रशिक्षित किए जाएंगे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं