नई दिल्ली:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी का मंगलवार को निधन हो गया। उन्हें करीब दो सप्ताह पहले दिल का दौरा पड़ा था। शुभ्रा के निधन की घोषणा राष्ट्रपति भवन की ओर गई। वह 74 साल की थीं। मुखर्जी दंपती के तीन बच्चे-अभिजीत मुखर्जी, इंद्रजीत मुखर्जी और शर्मिष्ठा मुखर्जी हैं।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, "बड़े दुख के साथ सूचित किया जाता है कि प्रथम महिला शुभ्रा मुखर्जी का आज (मंगलवार) सुबह निधन हो गया। उन्होंने सुबह 10.51 बजे अंतिम सांस ली।" शुभ्रा सांस संबंधी बीमारी से जूझ रही थीं और उन्हें करीब दो सप्ताह पहले दिल का दौरा पड़ा था। उनका यहां सैन्य अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) में इलाज चल रहा था।
अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) संजय कुमार ने बताया, "शुभ्रा मुखर्जी का हृदयाघात के बाद निधन हो गया। वह आखिरी सांस तक वेंटीलेटर पर थीं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी के निधन पर शोक जताया है। मोदी ने ट्वीट किया, "श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं राष्ट्रपतिजी और उनके परिजनों के साथ हैं।"
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा, "श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी को कला, संस्कृति और संगीत के प्रेमी के रूप में याद रखा जाएगा। उनका गर्मजोशी भरा व्यवहार उन्हें उन सभी लोगों का प्रिय बना देता था जिनसे वह मिलती थीं।"
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी राष्ट्रपति की पत्नी के निधन पर शोक जताया।
सुव्रा का जन्म 17 सितंबर, 1940 को जेस्सोर (अब बांग्लादेश में) में हुआ था। वह 13 जुलाई, 1957 को प्रणब मुखर्जी संग परिणय सूत्र में बंधीं। उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई की थी और राष्ट्रीय कवि रबींद्रनाथ टैगोर की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं। वह रबींद्र संगीत की गायिका थीं और उन्होंने न केवल भारत बल्कि यूरोप, एशिया और अफ्रीका में कई वर्षो तक रबींद्रनाथ टैगोर के नृत्य-नाटकों में प्रस्तुति दी।
सुव्रा ने 'गीतांजलि ट्रप' की स्थापना की, जिसका उद्देश्य टैगोर के दर्शनशास्त्र का प्रसार है। वह एक प्रतिभाशाली चित्रकार भी थीं। शुभ्रा ने दो किताबें-'चोखेर अलोय' और 'चेना अचेनाई चीन' किताब लिखी थी।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, "बड़े दुख के साथ सूचित किया जाता है कि प्रथम महिला शुभ्रा मुखर्जी का आज (मंगलवार) सुबह निधन हो गया। उन्होंने सुबह 10.51 बजे अंतिम सांस ली।" शुभ्रा सांस संबंधी बीमारी से जूझ रही थीं और उन्हें करीब दो सप्ताह पहले दिल का दौरा पड़ा था। उनका यहां सैन्य अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) में इलाज चल रहा था।
अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) संजय कुमार ने बताया, "शुभ्रा मुखर्जी का हृदयाघात के बाद निधन हो गया। वह आखिरी सांस तक वेंटीलेटर पर थीं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी के निधन पर शोक जताया है। मोदी ने ट्वीट किया, "श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं राष्ट्रपतिजी और उनके परिजनों के साथ हैं।"
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा, "श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी को कला, संस्कृति और संगीत के प्रेमी के रूप में याद रखा जाएगा। उनका गर्मजोशी भरा व्यवहार उन्हें उन सभी लोगों का प्रिय बना देता था जिनसे वह मिलती थीं।"
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी राष्ट्रपति की पत्नी के निधन पर शोक जताया।
सुव्रा का जन्म 17 सितंबर, 1940 को जेस्सोर (अब बांग्लादेश में) में हुआ था। वह 13 जुलाई, 1957 को प्रणब मुखर्जी संग परिणय सूत्र में बंधीं। उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई की थी और राष्ट्रीय कवि रबींद्रनाथ टैगोर की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं। वह रबींद्र संगीत की गायिका थीं और उन्होंने न केवल भारत बल्कि यूरोप, एशिया और अफ्रीका में कई वर्षो तक रबींद्रनाथ टैगोर के नृत्य-नाटकों में प्रस्तुति दी।
सुव्रा ने 'गीतांजलि ट्रप' की स्थापना की, जिसका उद्देश्य टैगोर के दर्शनशास्त्र का प्रसार है। वह एक प्रतिभाशाली चित्रकार भी थीं। शुभ्रा ने दो किताबें-'चोखेर अलोय' और 'चेना अचेनाई चीन' किताब लिखी थी।
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