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This Article is From May 17, 2019

देश की जनता से माफी मांगती हूं, मेरा बयान गलत, मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का बहुत सम्मान करती हूं : प्रज्ञा ठाकुर

महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर माफी मांग ली है. रात को 1 बजे किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मैं नाथूराम गोडसे के बारे में दिये गए मेरे बयान के लिये देश की जनता से माफ़ी मांगती हूं.

प्रज्ञा ठाकुर इस भोपाल से बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी हैं

नई दिल्ली:

महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने माफी मांग ली है. रात को 1 बजे किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मैं नाथूराम गोडसे के बारे में दिये गए मेरे बयान के लिये देश की जनता से माफ़ी मांगती हूं. मेरा बयान बिलकुल ग़लत था. मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का बहुत सम्मान करती हूं.'  गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं. आगर मालवा शहर में रोड शो के दौरान NDTV के सहयोगी ज़फर मुल्तानी से बात करते वक्त उनसे नाथूराम गोडसे को लेकर एक सवाल पूछा, जिस पर उनका जवाब आया कि वह देश भक्त थे, हैं और रहेंगे. बता दें, यह सवाल इसलिए पूछा गया, क्योंकि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का उल्लेख करते हुए कमल हासन ने रविवार को कहा था कि ‘आजाद भारत का पहला उग्रवादी एक हिंदू था.' 

लोकसभा चुनाव 2019: प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने पर हंगामा जारी, प्रियंका गांधी ने दिया यह बयान

रोड शो के दौरान प्रज्ञा ठाकुर से इस मसले पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''नाथूराम गोडसे देश भक्त थे, है और रहेंगे. उनको आतंकवादी कहने वाले लोग स्वयं की गिरेबान में झांक कर देखें, ऐसा बोलने वालो को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा.'' इसके बाद एनडीटीवी के सहयोगी ज़फर मुल्तानी ने पूछा, क्या आप नाथू राम गोडसे का समर्थन करती हैं. इस पर उन्होंने नजरअंदाज कर अपना रोड शो जारी रखा. हालांकि कि नाथूराम गोडसे वाले बयान पर बीजेपी प्रज्ञा ठाकुर सहमत नहीं है. प्रज्ञा ने प्रदेश अध्यक्ष से माफी मांगी और उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया. 

नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने पर प्रज्ञा ठाकुर ने मांगी माफी​

बता दें, प्रज्ञा ने कहा था आतंकवादी विरोधी दस्ते (एटीएस) प्रमुख करकरे ने मालेगांव विस्फोट मामले की जांच के दौरान उन्हें यातनाएं दी थीं और उनके शाप की वजह से ही करकरे की 26/11 आतंकवादी हमले में मौत हुई थी. इसके अलावा उन्होंने एक बयान दिया था कि 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में शामिल होने के लिये उन्हें अपने ऊपर गर्व है. इस मसले पर चुनाव आयोग से प्रज्ञा ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी के खिलाफ अपने बयान के लिए माफी मांगी थी.
 

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