पुलिस थानों को महिलाओं की शिकायत अनिवार्य रूप से दर्ज करने के आदेश : सरकार

पुलिस की प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

महिलाओं की सुरक्षा को प्रमुख प्राथमिकता बताते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि सभी पुलिस थानों को महिलाओं द्वारा की जाने वाली शिकायत अनिवार्य रूप से दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं और ऐसा न करने पर संबद्ध अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं और इसी कड़ी में सभी पुलिस थानों को महिलाओं द्वारा की जाने वाली शिकायत अनिवार्य रूप से दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि महिलाओं की ओर से आई शिकायत दर्ज न करने पर संबद्ध अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरे देश में, खास तौर पर दिल्ली में हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। 'दिल्ली देश की राजधानी है और देश को प्रतिबिंबित करती है।'

महिलाओं के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में अपराधों के बारे में पूछे गए मूल प्रश्न के उत्तर में गृह राज्य मंत्री हरिभाई परथीभाई चौधरी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली में करीब 332.96 करोड़ रुपये की लागत से 85 सार्वजनिक स्थानों पर 5,200 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।

गृहराज्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2015 में जनवरी और फरवरी के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में बलात्कार के 291 मामले दर्ज किए गए। इसी अवधि में महिला का शीलभंग करने के इरादे से उस पर हमला किए जाने के 212 मामले दर्ज किए गए। चौधरी ने यह भी बताया कि दिल्ली में वर्ष 2014 में बलात्कार के 2,166 और वर्ष 2013 में 1636 मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा महिलाओं के अपहरण के वर्ष 2015 के शुरूआती दो माह में 572 मामले दर्ज किए गए जबकि वर्ष 2014 में ऐसे मामलों की संख्या 3604, वर्ष 2013 में 3286 और 2012 में 2048 थी।

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उन्होंने बताया कि दहेज के कारण मौत के वर्ष 2012 में 134 मामले, 2013 में 144 मामले, 2014 में 153 मामले और वर्ष 2015 में जनवरी तथा फरवरी में 19 मामले दर्ज किए गए। महिलाओं के खिलाफ पति और ससुराल वालों की क्रूरता के वर्ष 2012 में 2046, वर्ष 2013 में 3045, वर्ष 2014 में 3196 और वर्ष 2015 के शुरूआती दो माह में 438 मामले दर्ज किए गए।