नई दिल्ली:
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर गुजरात के साथ 'शत्रु राज्य' की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेश दौरों के बारे में जानकारी छिपा रहा है।
उन्होंने यह बात भी दोहराई कि उनका ध्यान गुजरात पर है और प्रधानमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा की बात महज अटकलबाजी है।
समाचार चैनल सीएनएन-आईबीएन के साथ एक साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि उन्होंने यह नहीं पूछा था कि सोनिया गांधी के इलाज पर कितना खर्च किया गया, बल्कि उनके विदेश दौरों के बारे में पूछा था।
उन्होंने आरोप लगाया कि पीएमओ सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी छिपा रहा है और कहा कि सोनिया गांधी ने इलाज के लिए जो दौरे किए, केवल उनकी जानकारी दी गई। सोनिया के विदेश दौरों का ब्योरा नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि पीएमओ आरटीआई का सम्मान नहीं कर रहा है और यह समूचा मुद्दा सोनिया की छवि खराब कर रहा है। वरना मैं पीएमओ से वास्तविक आंकड़ा देने के लिए क्यों कहता।
उनके इस दावे के बारे में पूछने पर कि पिछले तीन साल में सोनिया के विदेश दौरों पर 1,880 करोड़ रुपये खर्च किए गए, मोदी ने कहा कि समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में एक एजेंसी की खबर के आधार पर आंकड़े दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "मैंने तो अखबारों में छपे आंकड़ों के बारे में बात की। मैं नहीं, आरटीआई कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि वह किसी व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बना रहे हैं। मोदी ने कहा, "गुजरात केंद्र के खिलाफ नहीं लड़ रहा है। हमने शिकायत की है कि पिछले आठ साल में केंद्र सरकार ने गुजरात के साथ शत्रु राज्य जैसा व्यवहार किया है। उन्होंने गुजरात के साथ जैसा सुलूक किया है, वैसी उम्मीद कोई शत्रु राष्ट्र भी नहीं करता। केंद्रीय एजेंसियों को गुजरात के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।"
यह पूछे जाने पर कि गुजरात में इन दिनों क्या मोदी बनाम सोनिया गांधी का संग्राम छिड़ा है, मोदी ने कहा कि इसी तरह कई लोग पिछले 11 वर्षों से मुद्दों को बदल रहे हैं, लेकिन वह अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनके उभरने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि वह गुजरात को नई बुलंदियों तक ले जाना चाहते हैं और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए वह काम करते रहेंगे।
उन्होंने खींझते हुए सवाल किया, "क्या देश के लोगों ने दिल्ली के मीडिया को 2014 के लिए प्रधानमंत्री तलाशने की जिम्मेदारी दी है? मैं बार-बार कहता रहा हूं कि गुजरात के छह करोड़ लोगों ने मुझे गुजरात की जिम्मेदारी दी है..2012 के चुनाव में भाजपा गुजरात में शानदार जीत दर्ज कराएगी। मेरा सपना है 'दिव्य भव्य गुजरात' बनाना और इस चुनाव के बाद मैं अपने सभी प्रयास उस पर केंद्रित करूंगा।"
वर्ष 2002 के दंगों के दाग के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि मीडिया घराने इसी पर जी रहे हैं। उन्होंने कहा, "मोदी के आलोचकों को राज्यसभा की सीटों और पद्म पुरस्कार से नवाजे जा रहे हैं। मैं आप सभी के लिए दुआ करता हूं कि इस मुद्दे को जिंदा रखें और राज्यसभा में जाएं या पद्म पुरस्कार ग्रहण करें।"
मोदी ने स्वीकार किया कि उन्हें काम करने की लत है। उन्होंने कहा, "मैं आरएसएस कार्यकर्ता हूं। आरएसएस में शामिल होने के बाद से मैं प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठता रहा..प्रात: तीन बजे से पहले, लेकिन राजनीति में आने के बाद पांच बजे उठता हूं।"
इन सवालों के अलावा जब पूछा गया कि केशुभाई पटेल ने पार्टी क्यों छोड़ी? क्या वह बिहार का दौरा करेंगे? 2002 के दंगों के लिए क्या माफी मांगेंगे? तब वरिष्ठ भाजपा नेता मोदी चुप्पी साधे रहे।
उन्होंने यह बात भी दोहराई कि उनका ध्यान गुजरात पर है और प्रधानमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा की बात महज अटकलबाजी है।
समाचार चैनल सीएनएन-आईबीएन के साथ एक साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि उन्होंने यह नहीं पूछा था कि सोनिया गांधी के इलाज पर कितना खर्च किया गया, बल्कि उनके विदेश दौरों के बारे में पूछा था।
उन्होंने आरोप लगाया कि पीएमओ सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी छिपा रहा है और कहा कि सोनिया गांधी ने इलाज के लिए जो दौरे किए, केवल उनकी जानकारी दी गई। सोनिया के विदेश दौरों का ब्योरा नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि पीएमओ आरटीआई का सम्मान नहीं कर रहा है और यह समूचा मुद्दा सोनिया की छवि खराब कर रहा है। वरना मैं पीएमओ से वास्तविक आंकड़ा देने के लिए क्यों कहता।
उनके इस दावे के बारे में पूछने पर कि पिछले तीन साल में सोनिया के विदेश दौरों पर 1,880 करोड़ रुपये खर्च किए गए, मोदी ने कहा कि समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में एक एजेंसी की खबर के आधार पर आंकड़े दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "मैंने तो अखबारों में छपे आंकड़ों के बारे में बात की। मैं नहीं, आरटीआई कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि वह किसी व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बना रहे हैं। मोदी ने कहा, "गुजरात केंद्र के खिलाफ नहीं लड़ रहा है। हमने शिकायत की है कि पिछले आठ साल में केंद्र सरकार ने गुजरात के साथ शत्रु राज्य जैसा व्यवहार किया है। उन्होंने गुजरात के साथ जैसा सुलूक किया है, वैसी उम्मीद कोई शत्रु राष्ट्र भी नहीं करता। केंद्रीय एजेंसियों को गुजरात के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।"
यह पूछे जाने पर कि गुजरात में इन दिनों क्या मोदी बनाम सोनिया गांधी का संग्राम छिड़ा है, मोदी ने कहा कि इसी तरह कई लोग पिछले 11 वर्षों से मुद्दों को बदल रहे हैं, लेकिन वह अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनके उभरने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि वह गुजरात को नई बुलंदियों तक ले जाना चाहते हैं और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए वह काम करते रहेंगे।
उन्होंने खींझते हुए सवाल किया, "क्या देश के लोगों ने दिल्ली के मीडिया को 2014 के लिए प्रधानमंत्री तलाशने की जिम्मेदारी दी है? मैं बार-बार कहता रहा हूं कि गुजरात के छह करोड़ लोगों ने मुझे गुजरात की जिम्मेदारी दी है..2012 के चुनाव में भाजपा गुजरात में शानदार जीत दर्ज कराएगी। मेरा सपना है 'दिव्य भव्य गुजरात' बनाना और इस चुनाव के बाद मैं अपने सभी प्रयास उस पर केंद्रित करूंगा।"
वर्ष 2002 के दंगों के दाग के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि मीडिया घराने इसी पर जी रहे हैं। उन्होंने कहा, "मोदी के आलोचकों को राज्यसभा की सीटों और पद्म पुरस्कार से नवाजे जा रहे हैं। मैं आप सभी के लिए दुआ करता हूं कि इस मुद्दे को जिंदा रखें और राज्यसभा में जाएं या पद्म पुरस्कार ग्रहण करें।"
मोदी ने स्वीकार किया कि उन्हें काम करने की लत है। उन्होंने कहा, "मैं आरएसएस कार्यकर्ता हूं। आरएसएस में शामिल होने के बाद से मैं प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठता रहा..प्रात: तीन बजे से पहले, लेकिन राजनीति में आने के बाद पांच बजे उठता हूं।"
इन सवालों के अलावा जब पूछा गया कि केशुभाई पटेल ने पार्टी क्यों छोड़ी? क्या वह बिहार का दौरा करेंगे? 2002 के दंगों के लिए क्या माफी मांगेंगे? तब वरिष्ठ भाजपा नेता मोदी चुप्पी साधे रहे।
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