श्रीलंका में पांच भारतीय मछुआरों को फांसी की सजा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से बात की है। इन पांचों की फांसी की सजा के खिलाफ इनके गृहनगर तमिलनाडु में विरोध-प्रदर्शन होते रहे हैं।
गौरतलब है कि श्रीलंका की एक अदालत ने मादक द्रव्यों की कथित तस्करी के मामले में आज पांच भारतीय मछुआरों को मौत की सजा सुनाई थी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले इन मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने साल 2010 में मादक द्रव्यों की तस्करी के आरोप में पकड़ा था।
कोलंबो स्थित उच्च न्यायालय ने आठ लोगों के एक समूह को मौत की सजा सुनाई है। इनमें ये पांचों भारतीय नागरिक शामिल हैं। इन लोगों को उत्तरी जाफना के तट के निकट से गिरफ्तार किया गया था।
न्यायाधीश प्रीति पदमन सुरसेना ने पांच भारतीय और तीन श्रीलंकाई नागरिकों के खिलाफ हेरोइन की तस्करी में शामिल होने को लेकर फैसला सुनाया।
इस मामले में भारत सरकार ने कहा था कि पिछले चार वर्षों में इस मामले की पुरजोर पैरवी की गई। श्रीलंकाई अदालत के फैसले पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने नयी दिल्ली में कहा, 'श्रीलंका में अदालत द्वारा पांच मछुआरों के खिलाफ फैसला दिए जाने के बाद भारत ने एक बार फिर उनके निर्दोष होने का मामला श्रीलंका के साथ उठाया है तथा कोलंबो में भारत का उच्चायोग फैसले के खिलाफ वकील के जरिए अपील करेगा।'
(इनपुट्स भाषा से भी)
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