New Delhi:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इथियोपिया और तंजानिया की छह दिवसीय यात्रा पर सोमवार को रवाना होंगे और यात्रा में इन अफ्रीकी देशों के साथ भारत के सामरिक संबंधों को नये सिरे से गति प्रदान की जाएगी और आतंकवाद और समुद्री लूटपाट के दोहरे खतरों से प्रभावी तरीके से निपटने के उपायों पर विचार-विमर्श होगा। प्रधानमंत्री सबसे पहले दूसरी अफ्रीका-भारत फोरम शिखरवार्ता के लिए अदीस अबाबा पहुंचेंगे। वार्ता में 15 अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। संभावना है कि शिखरवार्ता में वह संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की मजबूती से वकालत करेंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विवेक काटजू ने प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले कहा कि भारत की तरह ही अफ्रीका भी महसूस करता है कि आतंकवाद और समुद्री लूटपाट दोनों ही देशों को प्रभावित करते हैं और सभी नेता इन्हें खत्म करने और कम करने के रास्तों व तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे। भारत सरकार ने सोमाली जलदस्युओं के खतरों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। दरअसल अंतररराष्ट्रीय जहाज कंपनियों में चालक दल के 11 प्रतिशत सदस्य या नाविक भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से कुछ को बंधक बना लिया गया है। समुद्र क्षेत्र में अब तक हुए करीब 200 हमलों में लगभग 70 मामलों में जलदस्यु अपहरण में सफल रहे और बंधकों व जहाजों की रिहाई के लिए जलदस्युओं को पांच करोड़ डॉलर से ज्यादा की फिरौती चुकाई गई। सिंह शिखर वार्ता में इक्वाटोरियल गिनी के राष्ट्रपति ओबियांग गुएमा बासोगो के साथ सह-अध्यक्ष होंगे। यह देश फिलहाल अफ्रीकी संघ की अध्यक्षता कर रहा है।
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