अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने ‘आत्मनिर्भर भारत' (Aatmanirbhar Bharat) के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की अपील को एक अहम पहल करार दिया है. आईएमएफ में संचार विभाग के निदेशक गेरी राइस ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट के बाद घोषित आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत दिए गए आर्थिक पैकेज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है और बड़े जोखिमों को कम किया है, इसलिए हम इस पहल को अहम मानते हैं.''
गेरी राइस ने ‘आत्मनिर्भर भारत' संबंधी एक सवाल के जवाब में कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत को वैश्विक अर्थव्यवथा में एक अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और ऐसे में अर्थव्यवस्था में प्रतिद्वंद्वता और दक्षता बढ़ाने को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां अहम हैं. राइस ने कहा, ‘‘ भारत में ‘मेक फॉर द वर्ल्ड' लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन नीतियों पर ध्यान केंद्रित करना प्राथमिकता होनी चाहिए, जो भारत को व्यापार, निवेश एवं प्रौद्योगिकी समेत अन्य माध्यमों से वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एकीकृत कर सकें.''
उन्होंने एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर किए गए आईएमएफ के अध्ययन में पता चला है कि स्वास्थ्य संबंधी स्थायी विकास लक्ष्यों (SDG) को हासिल करने की दिशा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में कुल खर्च जीडीपी के मौजूदा 3.7 प्रतिशत से धीरे-धीरे बढ़ाना होगा.
राइस ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी भारत को ‘‘अधिक समावेशी एवं सतत मध्यमकालीन विकास हासिल करने के लिए समग्र संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता है.''
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