प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए आज (सोमवार, 8 फरवरी) सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की तारीफ की और उनका आभार जताया. उन्होंने कहा, "मैं गुलाम नबी आजाद जी को सुन रहा था. उनके भाषण में मधुरता और सौम्यता थी. कभी भी कटु शब्द का इस्तेमाल नहीं करना उनकी विशेषता रही है."
पीएम ने कहा कि हम सभी सांसदों को आजाद जी से ये चीज सीखने की जरूरत है. पीएम ने कहा, "मैं उनका आदर करता हूं. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए स्थानीय चुनाव की तारीफ की. उन्होंने ये भी कहा कि मेरे दिल में कश्मीर बसता है. यह स्वभाविक है. मैं उनका आभारी हूं. जम्मू-कश्मीर आत्मनिर्भर बने ऐसा विश्वास है लेकिन मुझे डर लगता है कि आपके प्रशंसा की..."
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पीएम के ये कहते ही संसद में लोग ठहाका लगाने लगे. इसके बाद पीएम ने थोड़ी देर रुकने के बाद कहा, "मुझे विश्वास है कि आपकी पार्टी वाले इसको उचित स्पीरिट (संदर्भ) में लेंगे." इस दौरान गुलाम नबी आजाद भी अपनी सीट पर मुस्कुराते नजर आए. पीएम ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, "कहीं गलती से जी-23 की राय मानते हुए उल्टा न कर दें."
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अपने भाषण के क्रम में विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने एक जगह कहा, "मुझे खुशी है कि मैं आपके किसी काम तो आया. कोरोना काल में आपने काफी वक्त अपने घर में बिताया होगा, काफी किच किच हुई होगी..अब यहां मेरे खिलाफ इतना गुस्सा निकालकर आपका मन भी हल्का हुआ होगा..मोदी है मौका लीजिए!" इस पर भी सदन में माहौल हल्का हो गया.
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