फिल्मों में पुलिस बल को जिस तरह से दिखाया जाता है, उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खिन्न हैं और उनका कहना है कि फिल्मों ने आम आदमी के जहन में पुलिस की बहुत खराब छवि बना दी है।
गुवाहाटी में पुलिस महानिदेशकों की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार को इस दिशा में विशेष प्रयास करने चाहिए और फिल्म निर्माताओं के लिए एक जनसंपर्क एजेंसी की स्थापना करनी चाहिए और उन्हें पुलिस बल की अच्छी बातों को पर्दे पर उतारने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उन्होंने कहा, फिल्म जगत ने आम आदमी के दिमाग में पुलिस की एक बहुत बुरी छवि बना दी है और मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि ऐसा क्यों? हां, कुछ कमियां हो सकती है, लेकिन उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए। अच्छी और सकारात्मक चीजों को सामने लाकर इन कमियों को दूर करना क्या हमारा दायित्व नहीं है।
उन्होंने कहा, आम आदमी पर फिल्मों का बहुत असर पड़ता है और उनके सहयोग के बिना पुलिसिंग सफल नहीं हो सकती। मोदी ने कहा, हमें इस बारे में दीर्घकालीन नीति बनानी होगी, ताकि आम आदमी की नजर और नजरिये को बदला जा सके।
मोदी ने इस संबंध में मीडिया को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह ज्यादातर नकारात्मक खबरों पर जोर देते हैं। हजारों अच्छी खबरें भी होती हैं, जो मीडिया में जगह नहीं बना पातीं।
प्रधानमंत्री ने थानों द्वारा किए जा रहे सकारात्मक कार्यों को सामने लाने के लिए प्रत्येक थाने की वेबसाइट बनाने का आह्वान किया, जैसा उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य में किया था।
मोदी ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी ऐसा मौका जरूर आया होगा, जब पुलिस ने उसकी मदद की होगी और इन बातों को पुलिस बल की छवि बेहतर बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रचारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, प्रत्येक थाना हर सप्ताह एक सकारात्मक स्टोरी को ऑनलाइन करे, तब लोगों को पता चलेगा कि पुलिस ने कितने अच्छे काम किए हैं।
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