विज्ञापन
This Article is From Apr 03, 2018

पीएम नरेंद्र मोदी ने फर्जी खबरों के संबंध में जारी गाइडलाइंस वापस लेने को कहा

विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे और मीडिया से जुड़े संगठनों ने भी आपत्ति जताई थी. 

पीएम नरेंद्र मोदी ने फर्जी खबरों के संबंध में जारी गाइडलाइंस वापस लेने को कहा
पीएम नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: फेक न्यूज पर पीएम नरेंद्र मोदी ने गाइडलाइन वापस लेने के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को फैसला लेने दिया जाए. इस मुद्दे पर कई संगठनों ने विरोध दर्ज कराया था. विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे और मीडिया से जुड़े संगठनों ने भी आपत्ति जताई थी. इसके तुरंत बाद मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि फर्जी खबरों के नियमन से संबंधित देर जारी दिशानिर्देश को वापस लिया जाता है.

बता दें कि फ़ेक न्यूज़ को लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने नए दिशा निर्देश जारी किए थे. पहली बार फ़ेक न्यूज़ चलाने पर पत्रकार की मान्यता 6 महीने के लिए, दूसरी बार एक साल और तीसरी बार फेक न्यूज़ चलाने पर हमेशा के लिए मान्यता रद्द हो सकती थी. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा था, 'पत्रकारों की मान्यता के लिये संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पहली बार ऐसा करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता छह महीने के लिये निलंबित की जायेगी और दूसरी बार ऐसा करते पाये जाने पर उसकी मान्यता एक साल के लिये निलंबित की जायेगी. इसके अनुसार, तीसरी बार उल्लंघन करते पाये जाने पर पत्रकार (महिला/पुरूष) की मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जायेगी.' अब यह गाइडलाइन वापस ले ली गई है.

मंत्रालय ने कहा कि अगर फर्जी खबर के मामले प्रिंट मीडिया से संबद्ध हैं तो इसकी कोई भी शिकायत भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) को भेजी जायेगी और अगर यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबद्ध पाया जाता है तो शिकायत न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन (एनबीए) को भेजी जाएगी ताकि यह निर्धारित हो सके कि खबर फर्जी है या नहीं. मंत्रालय ने कहा कि इन एजेंसियों को 15 दिन के अंदर खबर के फर्जी होने का निर्धारण करना होगा.

वीडियो : फेक न्यूज का जंजाल


लेकिन सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देश पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि कहीं फेक न्यूज के नाम पर पत्रकारों को ऐसी खबरें बताने से रोकना नहीं है जिससे सरकार असहज महसूस करे. उन्होंने पूछा कि ये कौन तय करेगा कि खबर फर्जी है. उन्होंने आशंका जताई कि इस नियम का दुरुपयोग पत्रकारों को परेशान करने के लिए किया जा सकता है. वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने अहमद पटेल के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रेस परिषद और न्यूज ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन जो कि सरकार का हिस्सा नहीं हैं, तय करेंगी कौन सी फर्जी है. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com