
भोपाल:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर अपने मासिक संबोधन 'मन की बात' में जब मध्य प्रदेश के एक गांव में रहने वाले दिलीप सिंह मालवीय का जिक्र किया तो इस 70 वर्षीय राज मिस्त्री को खुद पर गर्व करने की बजाय शर्मसार होना पड़ा। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री को किसी गलत ने सूचना दी थी।
प्रधानमंत्री ने दिलीप की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने बिना मेहनताना लिए 100 शौचालय बनाए हैं। हालांकि दिलीप का कहना कि उन्होंने अब तक करीब 50 शौचालय ही बनाए हैं और उन्होंने उसके लिए मजदूरी ली थी।
मध्य प्रदेश के भोजपुरा गांव के रहने वाले दिलीप कहते हैं, 'मैंने इस गांव में 23 और 20-25 शौचालय दूसरे गांव में बनाए हैं। मैं बिना मेहनताना काम नहीं करता बल्कि पैसे ना होने पर उन्हें बाद में भुगतान करने की छूट देता हूं।'
पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ भारत अभियान पर बात करते हुए कहा था, 'एक छोटे से गांव से आने वाले दिलीप सिंह मालवीय ने फैसला किया है कि अगर कोई शौचालय बनाने के लिए जरूरी सामग्री मुहैया कराए, तो वह मुफ्त में शौचालय बना देंगे।' उन्होंने कहा था, 'इस तरह की पहल देश को विकास के पथ पर आगे ले जाएगी और ऐसे में दिलीप सिंह पर गर्व करना स्वाभाविक है।'
पीएम मोदी की यह बात सुनकर दिलीप सिंह और उनका गांव भोजपुरा दंग रह गया। कुछ ऐसा ही हाल गांव के प्रधान सुरेश वर्मा का भी है, जिनके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके घर में भी शौचालय नहीं। वर्मा ने एनडीटीवी से कहा, 'इन गलत सूचनाओं की वजह मुझे पता चल गई है। एक स्थानीय पत्रकार ने दिलीप के बारे प्रकाशित अपने लेख में गलत तथ्य दिए थे। उसने यह तक लिखा था कि मेरे घर में शौचालय नहीं, जो कि सरासर झूठ है। हम उसके खिलाफ कदम उठाएंगे।'
इस मामले ने तुरंत ही राजनीतिक रंग ले लिया और कांग्रेस ने इन गड़बड़ियों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा, 'जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद अपने गृह जिले के बारे पीएम मोदी को गलत सूचनाएं दे सकते हैं, ऐसे में राज्य के हालात और भ्रष्टाचार के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है।'
वहीं कांग्रेस के इन आरोपों पर जवाबी प्रहार करते हुए सीएम चौहान ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए:
वहीं सिहोर प्रशासन के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिलीप सिंह के बारे में उनसे कभी संपर्क नहीं किया था। प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में भी कहा था कि सिंह की 'उपलब्धि' के बारे में उन्हें स्थानीय अखबार से पता चला।
प्रधानमंत्री ने दिलीप की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने बिना मेहनताना लिए 100 शौचालय बनाए हैं। हालांकि दिलीप का कहना कि उन्होंने अब तक करीब 50 शौचालय ही बनाए हैं और उन्होंने उसके लिए मजदूरी ली थी।
मध्य प्रदेश के भोजपुरा गांव के रहने वाले दिलीप कहते हैं, 'मैंने इस गांव में 23 और 20-25 शौचालय दूसरे गांव में बनाए हैं। मैं बिना मेहनताना काम नहीं करता बल्कि पैसे ना होने पर उन्हें बाद में भुगतान करने की छूट देता हूं।'
पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ भारत अभियान पर बात करते हुए कहा था, 'एक छोटे से गांव से आने वाले दिलीप सिंह मालवीय ने फैसला किया है कि अगर कोई शौचालय बनाने के लिए जरूरी सामग्री मुहैया कराए, तो वह मुफ्त में शौचालय बना देंगे।' उन्होंने कहा था, 'इस तरह की पहल देश को विकास के पथ पर आगे ले जाएगी और ऐसे में दिलीप सिंह पर गर्व करना स्वाभाविक है।'
पीएम मोदी की यह बात सुनकर दिलीप सिंह और उनका गांव भोजपुरा दंग रह गया। कुछ ऐसा ही हाल गांव के प्रधान सुरेश वर्मा का भी है, जिनके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके घर में भी शौचालय नहीं। वर्मा ने एनडीटीवी से कहा, 'इन गलत सूचनाओं की वजह मुझे पता चल गई है। एक स्थानीय पत्रकार ने दिलीप के बारे प्रकाशित अपने लेख में गलत तथ्य दिए थे। उसने यह तक लिखा था कि मेरे घर में शौचालय नहीं, जो कि सरासर झूठ है। हम उसके खिलाफ कदम उठाएंगे।'
इस मामले ने तुरंत ही राजनीतिक रंग ले लिया और कांग्रेस ने इन गड़बड़ियों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा, 'जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद अपने गृह जिले के बारे पीएम मोदी को गलत सूचनाएं दे सकते हैं, ऐसे में राज्य के हालात और भ्रष्टाचार के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है।'
वहीं कांग्रेस के इन आरोपों पर जवाबी प्रहार करते हुए सीएम चौहान ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए:
Initiative of PM @narendramodi to connect with people through #MannKiBaat has been a great success. Questioning its utility was unthinkable.
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 28, 2015
Statements of opposition leaders on #MannKiBaat can not be called healthy politics. High time they discharged duty in constructive manner.
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 28, 2015
वहीं सिहोर प्रशासन के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिलीप सिंह के बारे में उनसे कभी संपर्क नहीं किया था। प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में भी कहा था कि सिंह की 'उपलब्धि' के बारे में उन्हें स्थानीय अखबार से पता चला।
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