चेन्नई:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के 'लंच' का न्यौता स्वीकार कर लिया है। पोएस गार्डन में स्थित मुख्यमंत्री के घर पर होने वाली इस मुलाकात पर राजनीतिक खेमे की नज़र है और इस 'लंच' से भाजपा और जयललिता के बीच एक अहम कूटनीतिक गठबंधन की उम्मीद की जा रही है। बता दें कि सरकार बनाने के बाद ये पीएम मोदी का पहला चेन्नई दौरा है।
इस से पहले 30 जून को श्रीहरिकोटा जाते समय पीएम चेन्नई में थोड़ी देर के लिए रुके थे और हवाई अड्डे पर सीएम जयललिता ने उनकी अगवानी की थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई थी। इससे पहले पीएम मोदी लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम मोदी पोएस गार्डन आए थे लेकिन तब उनकी मुलाकात जयललिता से नहीं उनके सुपरस्टार पड़ोसी रजनीकांत से हुई थी।
गौरतलब है कि 2016 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव होने हैं और दक्षिण तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए भाजपा की नज़र इस राज्य पर है। हालांकि लोकसभा चुनाव में कई क्षेत्रीय पार्टियों से हाथ मिलाने के बावजूद तमिलनाडु में भाजपा कोई असर नहीं छोड़ पाई थी। वैसे पीएम मोदी और जयललिता के बीच काफी लंबे समय से अच्छे रिश्ते रहे हैं और एक बार मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी को अपना 'अच्छा मित्र' भी बताया था। लोकसभा चुनावों के दौरान जयललिता के एनडीए में शामिल होने की अटकलें थीं लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था।
इससे पहले दोनों ही नेता एक दूसरे के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे थे लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री शपथ - ग्रहण समारोह में जयललिता नहीं आई थीं। श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्शे के न्यौते को पीएम ने स्वीकार कर लिया था जिसके विरोध में मुख्यमंत्री जयललिता ने ऐसा कदम उठाया था। श्रीलंका के राष्ट्रपति पर तमिलनाडु की पार्टियों ने युद्ध अपराध का आरोप लगाया है।
इस से पहले 30 जून को श्रीहरिकोटा जाते समय पीएम चेन्नई में थोड़ी देर के लिए रुके थे और हवाई अड्डे पर सीएम जयललिता ने उनकी अगवानी की थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई थी। इससे पहले पीएम मोदी लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम मोदी पोएस गार्डन आए थे लेकिन तब उनकी मुलाकात जयललिता से नहीं उनके सुपरस्टार पड़ोसी रजनीकांत से हुई थी।
गौरतलब है कि 2016 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव होने हैं और दक्षिण तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए भाजपा की नज़र इस राज्य पर है। हालांकि लोकसभा चुनाव में कई क्षेत्रीय पार्टियों से हाथ मिलाने के बावजूद तमिलनाडु में भाजपा कोई असर नहीं छोड़ पाई थी। वैसे पीएम मोदी और जयललिता के बीच काफी लंबे समय से अच्छे रिश्ते रहे हैं और एक बार मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी को अपना 'अच्छा मित्र' भी बताया था। लोकसभा चुनावों के दौरान जयललिता के एनडीए में शामिल होने की अटकलें थीं लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था।
इससे पहले दोनों ही नेता एक दूसरे के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे थे लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री शपथ - ग्रहण समारोह में जयललिता नहीं आई थीं। श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्शे के न्यौते को पीएम ने स्वीकार कर लिया था जिसके विरोध में मुख्यमंत्री जयललिता ने ऐसा कदम उठाया था। श्रीलंका के राष्ट्रपति पर तमिलनाडु की पार्टियों ने युद्ध अपराध का आरोप लगाया है।
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