
संसद का मानसूत्र सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने कहा कि चीन, अर्थव्यवस्था और कोरोनावायरस इन तीन मुद्दों पर सीधे प्रधानमंत्री का जवाब अपेक्षित है. इसलिए वे सदन में रहें. बहस में हिस्सा लें और सांसदों के सवालों का जवाब दें. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हम चाहते हैं प्रधानमंत्री सदन में रहें और हमारे सवालों का जवाब दें. वे अधिकतर सदन में नहीं रहते हैं. रमेश ने कहा कि चीन के मामले में तो सबसे ज़्यादा नुकसान प्रधानमंत्री के बयान ने ही किया है. ये कहना ग़लत होगा कि चीन के मुद्दे पर बहस नहीं होनी चाहिए.
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब 1962 की जंग चल रही थी तब भी संसद में बहस चल रही थी और कमियों को सुना जा रहा था. हम ज़िम्मेदारी से जानते हैं कि क्या बोलना चाहिए क्या नहीं बोलना चाहिए, लेकिन चर्चा बहुत ज़रूरी है. जयराम रमेश ने कहा कि ये अप्रत्याशित समय है. जो संसद नहीं आ पा रहे या नहीं आना चाहते उनको ऑनलाइन बोलने का मौक़ा देना चाहिए. हम डिज़िटल इंडिया की बात करते हैं तो क्यों नहीं ऑनलाइन सेशन कर सकते हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस संसद सत्र में 11 अध्यादेशों को बिल के रूप में पेश किया जाएगा. इनमें से तीन जो कृषि संबंधी है हम उसका पूरी तरह से विरोध करेंगे. इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली ख़त्म किया जा रहा है. एफसीआई को खत्म किया जा रहा है. एमएसपी और प्रोक्योरमेंट ख़त्म करने से हमारी खाद्य सुरक्षा न सिर्फ़ कमज़ोर होगी बल्कि ख़त्म हो जाएगी. एक वित्त संबंधी बिल जो कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट का है उसका भी हम विरोध करेंगे.
कांग्रेस ने कहा कि बाक़ी सात में से एक अध्यादेश के जरिए सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती की जा रही है. इसका हम समर्थन करेंगे लेकिन कुछ सवालों के साथ. जैसे कि सेंट्रल विस्टा पर हज़ारों करोड़ खर्च किया जा रहा वो क्यों अगर सरकारी खजाने में पैसा नहीं है. इनसॉल्वेंसी और टैक्सेशन से संबंधित दो बिल का भी हम विरोध नहीं करेंगे लेकिन कुछ गंभीर सवाल पूछेंगे. जैसे पीएम केयर फंड को सौ फीसदी कर में छूट का प्रावधान है. हम पीएम केयर फंड के ख़िलाफ़ हैं क्योंकि इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है. इसका कोई ऑडिट नहीं है. आरटीआई में दायरे ये नहीं है.
उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड में बहुत सी कंपनियों ने पैसा दिया है. चीन की कंपनियों ने भी इसमें पैसा दिया है ऐसी जानकारी है जबकि वो हमारी ज़मीन पर अब भी बैठा है. 11 वां अध्यादेश एपिडेमिक एक्ट 1857 में संशोधन का है. डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ की सुरक्षा से जुड़ा है. इसका हम समर्थन करेंगे लेकिन सरकार की कोविड-19 से लड़ने की रणनीति पर पूरी चर्चा करेंगे और सवाल उठाएंगे. इन सबके अलावा चीन का मुद्दा गंभीरता से उठाएंगे. पीएम ने कहा था हमारी ज़मीन पर कोई नहीं आया है. इस सब पर सफ़ाई मांगेगे. प्रश्नकाल उड़ा दिया गया. शून्यकाल आधा घंटा कर दिया गया है, पर हमें उम्मीद है कि विपक्ष को जो समय मिलना चाहिए मिलेगा. जयराम रमेश ने कहा कि इसके अलावा, हम राजनीतिक नेताओं के नाम को दंगों से जोड़ने के मामले को भी संसद में पुरज़ोर तरीक़े से उठाएंगे.
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