Chandrayaan 2: छात्र ने कहा, मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, PM मोदी ने दिया ऐसा जवाब कि हंस पड़े सभी बच्चे

Chandrayaan 2: भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इस पर निराश दिख रहे वैज्ञानिकों से पीएम मोदी ने कहा, "उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.

खास बातें

  • पीएम मोदी ने की बच्चों से बातचीत
  • उनके सवालों के जवाब भी दिए
  • लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूटा
नई दिल्ली:

Chandrayaan 2: भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इस पर निराश दिख रहे वैज्ञानिकों से  पीएम मोदी  ने कहा, "उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, देश आप पर गर्व करता है, सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करें, हौसला रखें. इस दौरान प्रधानमंत्री ने लैंडिंग देखने के लिए मौजूद विद्यार्थियों के साथ भी बातचीत की और उनके सवालों का धर्य के साथ जवाब दिया. इस दौरान एक छात्रा ने पीएम मोदी से पूछा कि जब नए क्विज होते हैं तो बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं, लेकिन देखा जाता है कि जब क्विज खत्म होता है तो उनका उत्साह खत्म हो जाता है. इस पर आप क्या राय देना चाहते हैं. पीएम मोदी ने इसके जवाब में कहा, "लक्ष्य हमेशा बड़ा रखना चाहिए और उसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांटना चाहिए. जो पाया है उसे जोड़ते रहना चाहिए और जो मिस किया उसे भूलते जाना चाहिए. नहीं तो उसी के बारे में सोचते रहोगे और निराशा घर कर जाएगी." पीएम मोदी ने इस तरह चंद्रयान 2 की लैंडिंग देखने आई छात्रा के सवाल का जवाब दिया.

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पीएम मोदी से एक दूसरे छात्र ने इस दौरान कहा कि वो भविष्य में भारत का राष्ट्रपति बनना चाहता है. पीएम मोदी ने यह सुनते ही उसकी पीठ थपथपाई और कहा कि आप राष्ट्रपति क्यों प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनना चाहते हैं. पीएम मोदी के इतना कहते हैं कि वहां मौजूद सारे छात्र हंसने लग गए. पीएम मोदी ने इस दौरान उस छात्र को ऑटोग्राफ भी दिया. पीएम मोदी के साथ चंद्रयान 2 की लैंडिंग देखने भूटान के छात्र भी आए थे. पीएम मोदी ने इस दौरान उनसे कहा कि उम्मीद करता हूं कि आपने यहां नए दोस्त बनाए होंगे. 

चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के चंद्रमा की तरफ बढ़ने के दौरान उससे संपर्क टूट जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि हिम्मत न हारें. आईएसटीआरएसी के नियंत्रण कक्ष में उदास वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आपने अभी तक जो किया है, वह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है." उन्होंने कहा, "राष्ट्र आप पर गौरवान्वित है. आप सभी ने देश की सेवा की है और विज्ञान व मानव की एक महान सेवा की है. पूरी हिम्मत के साथ आगे बढ़िए. मैं आपके साथ हूं, सर्वश्रेष्ठ की आशा रखिए."

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इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने इस संबंध में कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले तक लैंडर प्लान के हिसाब से काम कर रहा था. उसके बाद उससे संपर्क टूट गया.