संसद के बाहर बीएसपी सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दलितों पर अत्याचार के मुद्दे पर संसद में बयान देना चाहिए।
मायावती ने संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि दलितों के मुद्दे पर हाल में प्रधानमंत्री का बयान ‘‘नुकसान की भरपाई करने’’ का प्रयास था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में चुनाव से पहले रोहित वेमुला और उना जैसी घटनाएं हुईं जिनसे भाजपा की छवि खराब हुई है।
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी चाहती है कि दलितों से सहानुभूति जताने की बजाय प्रधानमंत्री को दलितों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी मांग की कि संसद में मोदी को इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए। मायावती ने कहा, ‘‘यदि वह (मोदी) इस पर बाहर बोल सकते हैं तो वह यह बात सदन में भी कह सकते हैं।’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मायावती ने संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि दलितों के मुद्दे पर हाल में प्रधानमंत्री का बयान ‘‘नुकसान की भरपाई करने’’ का प्रयास था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में चुनाव से पहले रोहित वेमुला और उना जैसी घटनाएं हुईं जिनसे भाजपा की छवि खराब हुई है।
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी चाहती है कि दलितों से सहानुभूति जताने की बजाय प्रधानमंत्री को दलितों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी मांग की कि संसद में मोदी को इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए। मायावती ने कहा, ‘‘यदि वह (मोदी) इस पर बाहर बोल सकते हैं तो वह यह बात सदन में भी कह सकते हैं।’’
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