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This Article is From Dec 28, 2019

एक वीडियो है, जिसमें PM मोदी कह रहे हैं कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं, आप तय करें कौन झूठ बोल रहा है: राहुल गांधी

देश में 'हिरासत केंद्र' नहीं होने से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर जोरदार हमला किया है.

एक वीडियो है, जिसमें PM मोदी कह रहे हैं कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं, आप तय करें कौन झूठ बोल रहा है: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi)- फाइल फोटो
नई दिल्ली:

देश में 'हिरासत केंद्र' नहीं होने से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर जोरदार हमला किया है. साथ ही राहुल गांधी ने अपने ट्वीट किए हुए वीडियो का जिक्र करते हुए सवाल उठाया है कि आप तय करें कि कौन झूठ बोल रहा है. राहुल गांधी ने बीजेपी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''मैंने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं हैं, और एक ही वीडियो में एक डिटेंशन सेंटर के दृश्य हैं, इसलिए आप तय करें कि कौन झूठ बोल रहा है.''

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गुरुवार (26 दिसंबर) को राहुल ने PM मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि 'आरएसएस के प्रधानमंत्री' भारत माता से झूठ बोलते हैं. असम में डिटेंशन सेंटर से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए गांधी ने ट्वीट किया, 'आरएसएस के प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलते हैं.' दरअसल, पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में कहा था कि देश में ‘हिरासत केंद्र' को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें सरासर झूठ हैं. कांग्रेस नेता ने जो खबर शेयर की है उसके मुताबिक असम में हिरासत केंद्र मौजूद है.

बता दें, उस रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को विपक्ष पर ‘बांटो और राज करो' के आधार पर लोगों के बीच डर फैलाने और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने व्यापक प्रदर्शन के बीच इस विषय से जुड़ी चिंताओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा था कि इस कानून का और ‘एनआरसी' का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं है. इस संशोधित नागरिकता कानून का पुरजोर बचाव करते हुए प्रधानमंत्री ने एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह कानून पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हुए अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने के लिए है तथा यह किसी व्यक्ति के अधिकारों को नहीं छीनेगा. उन्होंने लोगों से शांति की अपील भी की.

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प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों तथा ‘अर्बन नक्सलियों' पर आरोप लगाया था कि वे अफवाह फैला रहे हैं कि मुस्लिमों को ‘डिटेंशन सेंटर' में भेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस कानून का भारतीय नागरिकों से कोई लेना देना नहीं है और इसे पारित करने के लिए लोगों से संसद और सांसदों का आभार जताने को कहा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विवादास्पद मुद्दे (एनआरसी) पर न तो उनकी सरकार ने, ना ही कैबिनेट या संसद ने चर्चा की है और इस बात का जिक्र किया कि यह शीर्ष न्यायालय के आदेश के बाद अब तक सिर्फ असम में कराया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि एनआरसी के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है.

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