मोदी पतन की ओर, किसान उन्हें अपशब्द कह रहे हैं : राहुल गांधी

मोदी पतन की ओर, किसान उन्हें अपशब्द कह रहे हैं : राहुल गांधी

मथुरा में राहुल गांधी

मथुरा:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘वादा पूरा नहीं करने’ को लेकर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री सभी वर्गों को दूर करके अपने पतन की पटकथा स्वयं ही लिख रहे हैं और किसान अब उनकी आलोचना नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें ‘अपशब्द’कह रहे हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस जनों से एकजुट होने का आह्वान किया ताकि जब ‘पतन हो’ और मोदी ‘हटें’ तो उससे रिक्त होने वाले स्थान को भरने में वह सक्षम हों।

किसान कर रहे मोदी की आलोचना
राहुल ने कहा, ‘मोदी ने किसानों के लिए अच्छे दिनों का वादा किया था। अब किसान आत्महत्या कर रहे हैं। मैं देश में जहां भी जाता हूं, किसान मोदीजी को अपशब्द कह रहे हैं। वे आलोचना नहीं कर रहे हैं बल्कि अपशब्द कह रहे हैं। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं और तीन बार वादा करने के बावजूद अभी तक ओआरओपी नहीं दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘मोदी को जितना हम सब मिलकर नुकसान पहुंचा सकते हैं उससे कहीं अधिक नुकसान वह स्वयं अपने को पहुंचा रहे हैं। हमें अपनी जगह बनानी होगी। मोदीजी का पतन होना ही है और जब वह जाएंगे, हमें वह स्थान भरना है। आप मोदी पर हमले करना जारी रख सकते हैं लेकिन मोदी अपना उससे अधिक नुकसान स्वयं ही कर रहे हैं।’ राहुल ने यह बात उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं की यहां एक चिंतन बैठक का उद्घाटन करते हुए कही। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और भाजपा के बाद चौथे स्थान पर पहुंच गई है।

उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने का संदेश
उन्होंने कहा कि विदेशी बैंकों में जमा काले धन में से प्रत्येक व्यक्ति के खाते में 15.15 लाख रुपये जमा करने के वादे के बावजूद अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है। कांग्रेस पार्टी 1989 के बाद से प्रमुख हिंदी राज्य उत्तर प्रदेश में सत्ता में नहीं आ पाई है जहां विधानसभा चुनाव 2017 में होने हैं। राहुल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की चिंतन बैठक में एप्पल कंपनी में फिर से जान फूंकने वाले स्टीव जॉब्स का उदाहरण दिया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को एक ‘परिवार’ बताते हुए कहा कि अलग-अलग राय वाले लोग विचारों पर चर्चा करते हैं और यहां साथ काम करते हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट और ठोस प्रयास करने के लिए परोक्ष रूप से एक संदेश देते हुए कहा, ‘चलिए एक ऐसा माहौल बनाते हैं जिसमें नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा हो।’ उत्तर प्रदेश संसद में 80 सांसदों को भेजता है।

आरएसएस की तरह नहीं है कांग्रेस
उन्होंने कहा, ‘पार्टी को स्टीव जॉब्स के एप्पल जैसा काम करना चाहिए और वह केवल कुछ नेताओं के लिए नहीं बल्कि सभी विचारों के लिए खुली होनी चाहिए। आरएसएस के विपरीत हम (कांग्रेस) लोगों को विभिन्न विचारधाराएं रखने की इजाजत देते हैं।’ राहुल ने बैठक में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी आरएसएस की तरह नहीं है जो सरकार को निर्देशित करता है। मोहन भागवत (आरएसएस प्रमुख) के विपरीत यहां प्रत्येक सदस्य की आवाज सुनी जाती है। कांग्रेस पार्टी की 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद उसमें फिर से जान फूंकने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए यह पार्टी का पहला मुख्य कार्यक्रम था। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 44 सीटें मिली थीं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा पार्टी का कोई भी नेता उत्तर प्रदेश से चुनाव नहीं जीत पाया जब राज्य में मोदी की लहर चली थी। पिछले राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 403 सीटों में से मात्र 28 पर जीत दर्ज की थी।

सीटों में चौथे नम्बर पर, लेकिन विचारधारा में एक नम्बर
राहुल गांधी ने कहा कि हो सकता है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सीटों के मामले में चौथे नम्बर पर हो लेकिन उसकी विचारधारा ‘नम्बर एक’ है। उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी विचारधारा जिसने देश निर्माण किया वह भारत के हृदयस्थल (उत्तर प्रदेश) में कमजोर है। आइए उस विचारधारा में एक बार फिर से प्राण फूंकें।’ उन्होंने कहा कि मोदी और आरएसएस कांग्रेस को मजबूती प्रदान कर रहे हैं और उसकी विचारधारा को एक नया जीवन प्रदान कर रहे हैं। ‘मोदी कांग्रेस के विपरीत हैं। मोदी कांग्रेस को केंद्र में रखते हैं। जब हम उनकी विचारधारा को देखते हैं हम अपनी विचारधारा पर ध्यान देना शुरू कर देते हैं।’ उन्होंने कार्यकर्ताओं और नेताओं को एक संदेश दिया कि वे ऐसे समय अपने मतभेदों को दूर करें जब उत्तर प्रदेश में संगठनात्मक परिवर्तन करने की योजना है। राहुल ने संकेत दिया कि पार्टी का संगठनात्मक परिवर्तन ऐसे किया जाएगा कि जिससे जलन नहीं हो और जिससे गुटबाजी तेज नहीं हो जाए।

कांग्रेस के परिवार में सबके लिए जगह
राहुल ने कहा, ‘मैं आपके बारे में एक परिवार की तरह सोचता हूं। जब मैं युवा था, मेरे पिता के पास शक्ति थी और वह मुझे चुप करा सकते थे लेकिन हम बातचीत करते थे। कभी-कभी मैं उनकी बात सुनता था और कभी वह मेरी बात सुनते थे। इसका मतलब है कि इस परिवार में सभी के लिए जगह है, चाहे हम किसी को पसंद करें या नहीं। किसी को भी परिवार से बाहर नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने कहा, ‘यदि कोई किसी पद के अनुकूल नहीं तो वह दूसरा पद संभाल लेता है जो उसके लिए अनुकूल है क्योंकि सभी परिवार का हिस्सा हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर पहुंचे राहुल
राहुल यहां सम्मेलन को संबोधित करने से पहले पास के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर भी गए। राहुल के साथ कई पूर्व केंद्रीय मंत्री, प्रदेश के नेता, दिल्ली कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद थे। पार्टी नेताओं प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख निर्मल खत्री और कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप माथुर ने राहुल के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जिस तरह से भूमि विधेयक के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व किया वह अन्य के लिए एक सबक है।