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This Article is From Feb 08, 2022

 'परिवारवादी राजनीति में सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट की होती है' : राज्यसभा में PM मोदी ने कांग्रेस को घेरा

पीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता. अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वेदशी संकल्पों के रास्ते पर चलता. कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक न होता.  

पीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर साधा निशाना

नई दिल्ली:

बजट सत्र में (Budget Session 2022) राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम मोदी (Narendra Modi) ने राज्यसभा में जवाब देते हुए कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि  'परिवारवादी राजनीति में सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट की होती है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता. अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वेदशी संकल्पों के रास्ते पर चलता.  कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार न होता. कांग्रेस न होती तो पंडितों को कश्मीर न छोड़ना पड़ता. बेटियों के तंदूर में जलने की घटनाएं न होतीं, पंजाब नहीं जलता और आम आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना पड़ता.कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक न होता. जिन्होंने इमरजेंसी लगाई वे लोकतंत्र की चर्चा कर रहे हैं.  पहले छोटी-छोटी बात पर राष्ट्रपति शासन लग जाता था. 

पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि हमारी सोच कांग्रेस की तरह संकीर्ण नहीं है. राजनीति में परिवाद से लोकतंत्र को खतरा है.दशकों तक शासन करने वालों ने राज्यों का शोषण किया, दमन किया. कांग्रेस ने जातिवाद को बढ़ाया. सामाजिक न्याय के साथ क्षेत्रीय न्याय भी जरूरी है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि कई बार बोला जाता है हम इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं. मैं देख रहा हूं कि कांग्रेस अर्बन नक्सलियों की सोच में फंस गई है. अर्बन नक्सलियों ने कांग्रेस की दुर्दशा का फायदा उठाकर उनकी सोच पर कब्जा कर लिया है. 

पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी घेरा. उन्होंने कहा कि यह वर्ष गोवा मुक्ति के 60 वर्ष होने का कालखंड है. जिस प्रकार सरदार पटेल ने हैदराबाद और जूनागढ़ के लिए रणनीति बनाई थी, अगर उसी तरह गोवा के लिए भी रणनीति बनाई गई होती तो 15 साल तक गोवा को ज्यादा गुलामी नहीं झेलनी पड़ती. पीएम ने कहा कि तबके प्रधानमंत्री को दुनिया में अपनी छवि बिगड़ने का खतरा था, इसलिए उन्होंने गोवा को 15 साल तक गुलामी में धकेले रखा. पीएम ने कहा कि नेहरू ने सत्याग्रहियों को मदद देने से इनकार कर दिया था. पीएम ने कहा कि पंडित नेहरू ने तब कहा था, "कोई धोखे में न रहे कि हम वहा फौजी कार्रवाई करेंगे. कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है. अंदर के लोग चाहते हैं कि हम वहां फौज भेजें लेकिन हम वहां फौज नहीं भेजेंगे. जो लोग वहां जा रहे हैं, उनको वहां जाना मुबारक हो."

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