रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. दोनों देशों के नेताओं के बीच हैदराबाद हाउस में ये मुलाकात हुई. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के रिश्ते अब तक के सबसे मजबूत दौर में हैं. दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों के बीच दो साल बाद सीधी मुलाकात हुई.
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मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, 21वे भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में आपका ह्रदय से बहुत बहुत स्वागत करता हूं, आपके प्रतिनिधि मंडल का स्वागत करता हूं. मैं जानता हूं कि पिछले 2 वर्षों में कोरोना कालखंड़ में यह आपकी दूसरी विदेश यात्रा है. जिस प्रकार से भारत के प्रति आपका लगाव है, आपकी जो निजी प्रतिबद्धता है उसका यह एक प्रकार से प्रतीक है और भारत-रूस संबंधों का कितना महत्व है, वो इससे साफ होता है और इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं.
कोविड की चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के संबंधों की रफ्तार में कोई बदलाव नहीं आया है. हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत होती गई है. कोविड के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देशों के बीच बेहतरीन सहयोग रहा है- चाहे वैक्सीन ट्रॉयल्स और उत्पादन में हो, मानवीय सहायता के लिए हो, या एक दूसरे के नागरिकों की देश वापसी के लिए हो.
वर्ष 2021 हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इस वर्ष 1971 की शांति संधि, मैत्री और सहयोग के पांच दशक और हमारी सामरिक भागीदारी के दो दशक पूरे हो रहे हैं. इस विशेष वर्ष में आपके साथ फिर मिल पाना मेरे लिए हर्ष की बात है क्योंकि हमारी सामरिक भागीदारी में पिछले 20 वर्षों में जो उल्लेखनीय प्रगति हुई है, उसके मुख्य सूत्रधार आप ही रहे हैं.
पिछले कई दशकों में वैश्विक स्तर पर कई मौलिक बदलाव आए हैं . कई तरह के भू-राजनैतिक समीकरण उभरे हैं . किन्तु इन सभी वैरिएबल्स के बीच भारत -रूस मित्रता निरंतर रही है. दोनों देशों ने न सिर्फ एक दूसरे के साथ निसंकोच सहयोग किया है, एक दूसरे की संवेदनशीलता का भी विशेष ध्यान रखा है. यह सचमुच अंतरराज्यीय दोस्ती का एक अनूठा और विश्वस्त मॉडल है.
2021 हमारी सामरिक भागीदारी के लिए भी विशेष है. आज हमारे विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच 2+2 डायलोग की पहली बैठक हुई. इस से हमारे व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाने का एक नया मैकेनिज्म शुरू हुआ है.
अफ़ग़ानिस्तान और दूसरे क्षेत्रीय विषयों पर भी हम निरंतर संपर्क में रहे हैं. पूर्वी आर्थिक मंच और व्लादिवोस्तोक शिखर सम्मेलन से शुरू हुई क्षेत्रीय भागीदारी आज Russian Far-east और भारत के राज्यों के बीच वास्तविक सहयोग में बदल रही है .
आर्थिक क्षेत्र में भी अपने रिश्तों को और घनिष्ट बनाने के लिए हम एक long term vision अपना रहे हैं. हमने 2025 तक 30 बिलियन डॉलर के ट्रेड और 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है. इन लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए हमें अपनी व्यापारिक समुदाय को गाइड करना चाहिए.
विभिन्न सेक्टरों में आज हुए हमारे समझौतों से इसमें मदद मिलेगी. मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत सह-विकास और सह-उत्पादन से हमारा रक्षा सहयोग और मजबूत हो रहा है. स्पेस और सिविल न्यूक्लियर क्षेत्रों में भी हमारा सहयोग आगे बढ़ रहा है.
NAM में आब्जर्वर और IORA में संवाद साथी बनने के लिए रूस को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. इन दोनों मंचों में रूस की उपस्थिति का समर्थन करना हमारे लिए खुशी की बात थी. हर एक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत और रूस का एक जैसा मत है. आज की बैठक में हमें इन पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा.
एक बार फिर भारत में आपका स्वागत करता हूं, आपके डेलिगेशन का स्वागत करता हूं. इतनी व्यस्तता के बीच भी आपने भारत आने के लिए समय निकाला, यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मुझे विश्वास है कि आज की चर्चा हमारे संबंधों के लिए बहुत उल्लेखनीय होगी. फिर एक बार आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.
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