सूत्रों के अनुसार, पीएम जिन नेताओं से नाराज हैं, उनमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, बीजेपी सांसद महेश शर्मा और साक्षी महाराज, केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान के अलावा विधायक संगीत सोम शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएम ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इस सभी नेताओं से बातचीत करने को कहा है। लिहाजा, पार्टी अध्यक्ष ने इन सभी नेताओं को अंतिम चेतावनी देने के लिए पार्टी मुख्यालय तलब किया गया, जहां शाह द्वारा प्रधानमंत्री के विचार इन नेताओं तक पहुंचाए गए।
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पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात के बाद संगीत सोम ने कहा, 'हम पार्टी के कार्यकर्ता हैं और अध्यक्ष से मिलने आए थे। उनसे पार्टी के कार्यों को लेकर चर्चा हुई।' संजीव बालियान ने कहा कि 'हमें बुलाया नहीं गया था, बल्कि हम तो खुद पार्टी से संबंधित कार्यों को लेकर यहां आए थे। बातचीत में इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई।'
उधर, साक्षी महाराज ने कहा कि 'मुझसे न तो सफाई मांगी गई और न ही मैंने दी है। हर एक्शन का एक रिएक्शन होता है।'
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए बीजेपी से सवाल पूछा कि क्या अमित शाह संघ प्रमुख मोहन भागवत या पान्चजान्य के संपादक को भी तलब करेंगे?
उल्लेखनीय है कि खट्टर ने हाल ही में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 'मुस्लिम इस देश में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें बीफ खाना छोड़ना होगा, क्योंकि गाय यहां विश्वास और आस्था से जुड़ी है।' हालांकि बाद में वे इस बयान से मुकर गए थे। उनके इस बयान की काफी आलोचना भी हुई थी।
वहीं, संगीत सोम और महेश शर्मा ने दादरी में अखलाक नामक शख्स की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में दिए गए बयानों को लेकर चर्चा में हैं। महेश शर्मा ने दादरी में अख़लाक की हत्या को एक हादसा करार दिया था। वहीं, संगीत सोम तो खुद दादरी पहुंच गए थे और आपत्तिजनक बयान दिया था। संगीत सोम ने गांव में जाकर भाषण देते हुए आरोपियों के पक्ष में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि यूपी पुलिस एक समुदाय को निशाना बनाकर कार्रवाई कर रही है।
मुजफ्फरपुर से सांसद संजीव बालियान ने एक चैनल से बातचीत में दादरी कांड को छोटी घटना बताया था, जबकि साक्षी महाराज भी वक्त-वक्त पर सांप्रदायिकता से संबंधित बयान देते रहे हैं।