नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने संसद में फिर कहा है कि यूपीए के कार्यकाल की तुलना में एनडीए के शासनकाल में विकास कम हुआ था, और हमारी सरकार ने विकास के लिए सही कदम उठाए। उन्होंने कहा कि देश को आर्थिक सुधारों की ज़रूरत है, क्योंकि गरीबी दूर करने के लिए आठ से नौ प्रतिशत विकास दर चाहिए।
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) पर बने गतिरोध को दूर करने का प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज राज्यों के साथ मिल कर काम करने की पेशकश की ताकि इस मुद्दे पर आम सहमति बनाई जा सके।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सरकार आंतरिक सुरक्षा से प्रभावी तरीके से नहीं निबट रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निबटने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एकसुर में बात करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एनसीटीसी स्थापित करने के प्रस्ताव के संबंध में व्यापक आम सहमति कायम करने के लिए हम राज्य सरकारों के साथ मिल कर काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कई राज्य एनसीटीसी की स्थापना का मुखर विरोध कर रहे हैं। ऐसे राज्यों की दलील है कि इसकी स्थापना से राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण होगा।
सदन में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए एनसीटीसी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर तीखी टिप्पणी की थी।
प्रधानमंत्री ने अपने करीब आधे घंटे के भाषण में देश की अर्थव्यवस्था, विकास, विदेश नीति, आंतरिक सुरक्षा सहित विपक्ष द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखने की प्रतिबद्धता जताई।
सरकार की विदेश नीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का उल्लेख किया और कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि वहां आतंकवाद के ढांचे को नष्ट नहीं कर दिया जाए।
(इनपुट्स भाषा से भी)
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) पर बने गतिरोध को दूर करने का प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज राज्यों के साथ मिल कर काम करने की पेशकश की ताकि इस मुद्दे पर आम सहमति बनाई जा सके।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सरकार आंतरिक सुरक्षा से प्रभावी तरीके से नहीं निबट रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निबटने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एकसुर में बात करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एनसीटीसी स्थापित करने के प्रस्ताव के संबंध में व्यापक आम सहमति कायम करने के लिए हम राज्य सरकारों के साथ मिल कर काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कई राज्य एनसीटीसी की स्थापना का मुखर विरोध कर रहे हैं। ऐसे राज्यों की दलील है कि इसकी स्थापना से राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण होगा।
सदन में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए एनसीटीसी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर तीखी टिप्पणी की थी।
प्रधानमंत्री ने अपने करीब आधे घंटे के भाषण में देश की अर्थव्यवस्था, विकास, विदेश नीति, आंतरिक सुरक्षा सहित विपक्ष द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखने की प्रतिबद्धता जताई।
सरकार की विदेश नीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का उल्लेख किया और कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि वहां आतंकवाद के ढांचे को नष्ट नहीं कर दिया जाए।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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