गांधीनगर:
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बृहस्पतिवार को जोरदार हमला करते हुए कहा कि अमित शाह पर उनकी (प्रधानमंत्री की) टिप्पणी साल 2011 का सबसे बड़ा मजाक है। मोदी ने कहा, प्रधानमंत्री ने अपने संवाददाता सम्मेलन में गुजरात को जोड़ने की कोशिश की ताकि वह अपने ऊपर लगे दाग को धो सकें। यह साल 2011 का मजाक है। यह हास्यास्पद है। टेलीविजन चैनलों के संपादकों से बुधवार को बातचीत में शाह का परोक्ष तौर पर उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा था, विपक्षी पार्टियां और खासतौर पर भाजपा ने शत्रुतापूर्ण रुख अपना रखा है और जो कारण दिए गए हैं उसका मैं सार्वजनिक तौर पर उल्लेख नहीं कर सकता हूं। क्योंकि आपने किसी खास व्यक्ति के खिलाफ कुछ फैसला किया है, जो गुजरात में मंत्री था तो आप निश्चित तौर पर अपना फैसला पलटें। मैं और कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मोदी ने कहा, गुजरात के किसी मंत्री या राज्य सरकार का नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री को भारत की जनता को अपनी विफलताओं के बारे में सही तथ्य रखना चाहिए। सिंह ने यह टिप्पणी वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: पर संविधान संशोधन विधेयक पेश करने में देरी के लिए विपक्ष पर दोषारोपण करने के दौरान की थी। मोदी सरकार में पूर्व मंत्री शाह को सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार किया गया था और अब वह जमानत पर रिहा हैं।आर्थिक सुधारों में विलंब के लिए भाजपा पर दोषारोपण करने के लिए सिंह की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा, अब जब प्रधानमंत्री ने सरकार चलाने में अपनी लाचारी स्वीकार ली है तो उन्हें आर्थिक सुधारों और वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: पर अपनी सरकार की विफलता के बारे में सही तथ्यों को रखना चाहिए। भाजपा और गुजरात सरकार ने आर्थिक सुधारों तथा जीएसटी के प्रति हमेशा सकारात्मक रुख दर्शाया है। मोदी ने मांग की कि केंद्र सरकार जीएसटी को लागू करने के लिए अधिकार संपन्न समिति की पिछले दो वषरें के दौरान हुई बैठकों का ब्योरा सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होगा कि बैठकों में सिर्फ व्यवस्था में सुधार पर चर्चा हुई है और कुछ भी ठोस नहीं हुआ है। मोदी ने एक साल पहले वित्त मंत्री के साथ जीएसटी पर बैठक के बारे में कहा कि उन्होंने प्रणव मुखर्जी से कहा था कि जीएसटी को तब तक लागू नहीं किया जा सकता है जब तक कि समूचे देश में सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क को नहीं स्थापित कर दिया जाता। उन्होंने कहा, बैठक में मुखर्जी ने खुद अपने कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि वे समूचे देश में सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क को लागू करने के लिए कार्यबल का गठन करें। हालांकि, एक साल बाद भी इस मुद्दे पर कोई प्रगति नहीं हुई है। मोदी ने कहा कि न सिर्फ गैर कांग्रेसी सरकारों बल्कि जो पार्टियां संप्रग का समर्थन कर रही हैं उन्होंने भी केंद्र को स्पष्ट कर दिया है कि वह जीएसटी के मुद्दे पर राज्यों के हितों के साथ खिलवाड़ न करे।