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This Article is From Jul 10, 2020

सरकार का ऊर्जा क्षेत्र में भारत की आयात पर निर्भरता समाप्त करने का लक्ष्य

पिछले हफ्ते केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के चीन पर निर्भरता खत्म करने के सख्त बयान के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का भी बयान आया

सरकार का ऊर्जा क्षेत्र में भारत की आयात पर निर्भरता समाप्त करने का लक्ष्य
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार ने ऊर्जा और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस सेक्टर में आयात पर निर्भरता खत्म करने का लक्ष्य तय किया है. प्रधानमंत्री का बयान पिछले ही हफ्ते ऊर्जा मंत्री के उस सख्त बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत सरकार ऊर्जा और सोलर एनर्जी सेक्टर में चीन से किसी भी उपकरण या सामान के आयात को मंज़ूरी नहीं देगी. भारत इस सेक्टर में आयात को प्रतिबंधित करने के लिए बेसिक कस्टम्स ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है.

मध्यप्रदेश के रीवा में एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट को लोकार्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब देश का लक्ष्य है कि सोलर पैनल सहित तमाम उपकरणों के लिए हम आयात पर अपनी निर्भरता को खत्म करें. लक्ष्य ये है कि अभी जो देश की सोलर पीवी मॉड्यूल मैन्युफेक्चरिंग कैपेसिटी है, उसको भी तेजी से बढ़ाया जाए. कुसुम योजना के तहत लगाए जा रहे पंपों में और घरों में लगने वाले रूफ टॉप पैनल में भारत में ही बने सोलर फोटो वोलटेक सेल्स और मॉड्यूल्स ज़रूरी कर दिए गए हैं."  इस प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मेट्रो को सप्लाई की जाएगी.

प्रधानमंत्री का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब भारत के ऊर्जा और सोलर एनर्जी सेक्टर में चीनी कंपनियों के प्रभाव पर नकेल कसने की कवायद शुरू कर चुका है. पिछले हफ्ते ऊर्जा मंत्री ने सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ बैठक में कहा था कि भारत सरकार राज्यों को चीन से किसी भी पावर इक्विपमेंट और दूसरे सामान का आयात करने की इजाज़त नहीं देगी. 

अब तैयारी भारतीय कंपनियों को इस सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने की है.  प्रधानमंत्री ने कहा, "सोलर पावर की ताकत का हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण न हो. अब इसी दिशा में तेज़ी से काम चल रहा है. पावर प्लांट लगाने वाली कंपनियां सोलर पीवी मैन्युफेक्चरिंग भी करें. इसके लिए भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है." 

ऊर्जा मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में कुल आयात 71000 करोड़ का हुआ जिसमें से 21000 करोड़ का सामान सिर्फ चीन से आयात किया गया था.  

दरअसल भारत का आरोप है कि चीन "मेक इन इंडिया" योजना को कमजोर करने की साज़िश में लगा है और पावर सेक्टर में सस्ते बिजली उपकरणों की डंपिंग कर रहा है. ऊर्जा मंत्री आरके सिंह एनडीटीवी से विशेष बातचीत में करीब दो हफ्ते पहले यह बात ऑन रिकॉर्ड कह चुके हैं.

VIDEO : भारत में सोलर उपकरण डंप कर रहा चीन

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