
Coronavirus Pandemic: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोरोना वायरस की महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान मकान का किराया न देने की स्थिति में मजदूरों-छात्रों को घरों से निकाले जाने पर रोक लगाने से संबंधित याचिका खारिज कर दी है. गौरतलब है कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान सरकार ने मकानमालिकों से किरायेदार के प्रति मानवीयता दिखाते हुए फिलहाल किराया नहीं मांगने की बात कही थी. याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वकील लगातार इस तरह की याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं. सरकार ने इसके लिए हेल्पलाइन बनाई है इसलिए कोर्ट सरकार के आदेशों को लागू नहीं कर सकता. हालांकि अदालत ने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.
गौरतलब है कि सरकार के आदेश के बावजूद कई जगह मकान मालिक, छात्रों और मजदूरों पर घर खाली करने का दबाव बना रहे हैं, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.अर्जी में कहा गया केंद्र सरकार ने एडवाइजरी कर साफ किया था कि लॉकडाउन के दौरान किराया चुकाने में असमर्थ लोगों पर किराया देने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता. इसके बावजूद मकान मालिक की ओर से किरायेदारों को परेशान किया जा रहा है. किराया न देने की सूरत में उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में वकील पवन प्रकाश पाठक और कुछ छात्रों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि सरकार ने लॉकडाउन का आदेश जारी कर रखा है, जिसकी वजह से लोग परेशानी में हैं. हर परिवार वित्तीय संकट से जूझ रहा है. लॉकडाउन की वजह से सारा काम ठप है. ये तमाम स्टूडेंट घर से दूर हैं और पढ़ाई कर रहे हैं. ये स्टूडेंट और मजदूर किराये के घर में रह रहे हैं. ये या तो मध्यम वर्ग से हैं या गरीब हैं. ज्यादातर स्टूडेंट अपना खर्चा प्राइवेट ट्यूशन करके निकालते हैं. इस तरह मजदूर के सामने भी इस समय रोजी-रोटी का संकट है, इसके बावजूद मकान मालिक इनसे किराया मांग रहे हैं.गृह मंत्रालय ने 29 मार्च 2020 को आदेश पारित किया था कि कोई भी मकान मालिक किसी भी किराएदार उनसे किराया वसूलने के लिए दबाव नहीं डालेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं