सीएम पद पर वापसी की नीतीश की योजना के बाद पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं में झड़प

फाइल फोटो

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के नौ महीने बाद जदयू नेता नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य की बागडोर अपने हाथों में लेने की तैयारी में है। हालांकि इन अटकलों के राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बगावती सुर अपना लिए हैं।

सहरसा में आज एक सभा को संबोधित करते हुए मांझी ने नीतीश के खिलाफ अपनी नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने महाभारत के पात्रों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके ऊपर द्रौपदी की तरह प्रहार हो रहे हैं और वह (नीतीश) भीष्म पितामह की तरह चुपचाप देख रहे हैं।

वहीं इस बीच पटना स्थित पार्टी कार्यालय में नीतीश और मांझी के समर्थकों के बीच आज झड़प हो गई, जिसमें पांच लोग घायल हो गए। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसा जदयू विधायकों की कल होने वाली प्रस्तावित बैठक से पहले हुई है, जिसमें नीतीश को दोबारा सीएम बनाने का आग्रह किया जाना है। वहीं मांझी ने इस बैठक को अवैध करार दिया है।

मांझी ने जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव द्वारा 7 फरवरी को पार्टी विधायक दल की बैठक को अवैध करार देते हुए खुद 20 फरवरी को विधायकों की बैठक बुलाई है।

मांझी ने कहा कि इस तरह की बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री को है। वहीं कई विधायकों ने भी मांझी की इस बात का समर्थन किया है।

इससे पहले बिहार में संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया था कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के कहने पर 7 फरवरी को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। बैठक के एजेंडे के बारे में पूछे जाने पर बिहार विधानसभा में जेडीयू के सचेतक श्रवण ने कहा कि उसमें वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी।

जहानाबाद से पटना लौटने पर मांझी ने विधायक दल की उक्त बुलाई बैठक को लेकर अपने मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों, करीबी विधायकों और समर्थकों के साथ देर शाम बैठक की, जिसके बाद इस बैठक के अनधिकृत होने को लेकर बयान जारी किया। यह ताजा घटनाक्रम जेडीयू में बढ़ते टकराव को साफ जाहिर करता है।

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विधायक दल की बैठक बुलाए जाने की खबर फैलने पर शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री महाचंद्र सिंह और नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी और विधायक अनिल कुमार, जेडीयू के बागी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और रविंद्र राय मांझी, जेडीयू के वरिष्ठ नेता शकुनी चौधरी मांझी के समर्थन में उनके आवास पहुंचे। सासाराम संसदीय सीट से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व नौकरशाह केपी रमैया भी उस समय मांझी के आवास पर मौजूद थे।