इंटरनेशनल टर्मिनल पर मास्क में यात्रियों की लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं.
नई दिल्ली: विदेश से भारत आ रहे यात्रियों को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ओमिक्रॉन नियमों के तहत कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले भारत में तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में विदेश से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर कोविड जांच प्रक्रिया में सहयोग करना पड़ रहा है. लेकिन ओमिक्रॉन के सख्त नियमों की वजह से एयरपोर्ट पर परेशान हो रहे यात्रियों की तस्वीरें काफी चिंताजनक भी हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर कोविड टेस्टिंग प्रोसेस से गुजरने में यात्रियों को आठ घंटे से भी ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ रहा है.
जिन यात्रियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट जल्दी से कराना है, उन्हें 3500 रुपये देने पड़ रहे हैं. एक यात्री ने एयरपोर्ट पर अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि लोगों को कोविड टेस्ट कराने के लिए दो घंटे तक लाइनों में लगना पड़ रहा है. इस वजह से इंटरनेशनल टर्मिनल पर भीड़ का भी सामना करना पड़ रहा है.
आलम ये है कि यात्री घंटों घंटों तक इंटरनेशनल टर्मिनल पर कोविड टेस्ट कराने के लिए लाइनों में या भीड़ बनाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. यात्रियों की तस्वीरें काफी परेशान करने वाली है. हालांकि सभी यात्री मास्क में नजर आए. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का कोई नामोनिशान नहीं है. एयरपोर्ट एक तरह से हॉटस्पॉट बना हुआ है.
एयरपोर्ट पर परीक्षण करने के लिए दो विकल्प हैं - यात्री रैपिड पीसीआर टेस्ट के लिए 3,500 का भुगतान कर सकते हैं जिसमें परिणाम 2 घंटे के भीतर आता है. दूसरे विकल्प में यात्री 500 रुपये खर्च करके एक नियमित आरटी-पीसीआर टेस्ट करा सकते हैं, लेकिन इसके रिपोर्ट के लिए 6-8 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. हालांकि, यात्री एक लंबे सफर के बाद पहले विकल्प को चुनने के लिए ही मजबूर हैं. क्योंकि दूसरे विकल्प में उनको 6-8 घंटे तक इंतजार करना पड़ रह है. ऐसे में वो ज्यादा पैसे खर्च करके रैपिड पीसीआर टेस्ट ज्यादा करा रहे हैं.
एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए परेशानी सिर्फ इतना ही नहीं है. इसके अलावा भी उन्हें कई और तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसमें एक परेशानी ये है कि यात्रियों को इम्मिग्रेशन डेस्क पर भी दो घंटे या कई बार दो घंटे से भी ज्यादा समय तक भीड़ के बीच में इंतजार करना पड़ रहा है. जो काफी परेशान करने वाला है.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि जो यात्री लंबे इंतजार के बाद और ज्यादा पैसे खर्च कर के जांच प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, उसमें मानदंडों को कितनी प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है? जबकि यात्री के बोर्डिंग पास पर 7 दिन की होम क्वारंटाइन की मोहर लगी होती है, पिछले 24 घंटों में कोई फोन कॉल या किसी अन्य प्रकार की अनुवर्ती कार्रवाई नहीं की गई है. इस बीच, दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कल घोषणा की, कि यात्रियों के लिए 20 काउंटर खोले गए हैं, जो उड़ान भरने से पहले अपने रैपिड-पीसीआर या आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की प्री-बुकिंग करते हैं. उन्होंने कहा कि वे रजिस्ट्रेशन में लगने वाले समय की बचत करेंगे और सीधे टेस्टिंग प्रोसेस करेंगे.