PDP विधायक ने कश्मीर में मारे सभी आतंकियों भाई और शहीद बताया
श्रीनगर:
पीडीपी विधायक एजाज अहमद मीर ने कश्मीर पर विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र ने जी वार्ताकार नियुक्त किये है उन्हें कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकियों से भी बात करनी चाहिए. आतंकवादी भी हमारी रियासत के रहने वाले है, जो मर रहे है वो हमारे ही बच्चे है. मुझे लगता है ये हमारा कलेक्टिव फेलियर है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ये सिलसिला कब तक चलता रहेगा. हमने 200 को मार है और 200 मरेंगे आखिर कही तो इसे रोकना पड़ेगा.
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पीडीपी विधायक ने कहा कि कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है और इस राजनीतिक तौर पर हल करना पड़ेगा. इसमे लोग मारने नहीं चाहिए कही जाकर ये जरूर रुकना चाहिए. कश्मीरी जो है वो मिलिटेंट नहीं है हमारे भाई है जो सुरक्षा बल मर रहे है हमे उससे भी हमदर्दी है उनके परिवारों को जिस तरह से झलना पड़ता है और उन्हें दुख हित है उसी तरह से आतंकियों के परिवारों को भी दुख होता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो किसी भी हालत में मरता है वो शहीद है. 14 साल का बच्चा मरता है उसे क्या पता कि वो क्या है.
इस पर केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ये जम्मू-कश्मीर की तरक्की के दुश्मन किसी के भाई कैसे हो सकते हैं. बीजेपी नेता जफर इस्लाम ने कहा कि इस तरह के जो बयान देते हैं लोग उन पर तरस आता है. उन्होंने कहा कि सुर्खियों के लिए बेतुके बयान देते हैं.
वहीं इससे पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. पुलिस फायरिंग में एक स्थानीय युवक की मौत से विधायक नाराज़ नज़र आए. इस हंगामे के बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने साफ किया कि अगर कश्मीर को कुछ हासिल हो सकता है तो इसी मुल्क से हो सकता है.
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महबूबा मुफ़्ती ने हिंसा और आतंकवाद से झुलसते अपने राज्य के अलगाववादी तत्वों को विधानसभा में खड़े होकर महबूबा मुफ़्ती ने ये बहुत साफ़ संदेश दिया. हालांकि इसके पहले दिनभर विधानसभा में हंगामा होता रहा. नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, सीपीएम ने मंगलवार को मुठभेड़ के दौरान मारे गए एक स्थानीय युवक के मामले में विरोध जताया था और कहा था कि ऐसी हिंसा रुकनी चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि नए साल के इन 10 दिनों में 8 नौजवान मारे जा चुके हैं.
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राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कश्मीर को एक छाया युद्ध लड़ना पड़ रहा है.
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पीडीपी विधायक ने कहा कि कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है और इस राजनीतिक तौर पर हल करना पड़ेगा. इसमे लोग मारने नहीं चाहिए कही जाकर ये जरूर रुकना चाहिए. कश्मीरी जो है वो मिलिटेंट नहीं है हमारे भाई है जो सुरक्षा बल मर रहे है हमे उससे भी हमदर्दी है उनके परिवारों को जिस तरह से झलना पड़ता है और उन्हें दुख हित है उसी तरह से आतंकियों के परिवारों को भी दुख होता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो किसी भी हालत में मरता है वो शहीद है. 14 साल का बच्चा मरता है उसे क्या पता कि वो क्या है.
Militants who are from Kashmir are martyrs, they are our brothers, some of them are minors who don't even know what they are doing: Aijaz Ahmed Mir,PDP MLA pic.twitter.com/13vRlhFBJ3
— ANI (@ANI) January 11, 2018
इस पर केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ये जम्मू-कश्मीर की तरक्की के दुश्मन किसी के भाई कैसे हो सकते हैं. बीजेपी नेता जफर इस्लाम ने कहा कि इस तरह के जो बयान देते हैं लोग उन पर तरस आता है. उन्होंने कहा कि सुर्खियों के लिए बेतुके बयान देते हैं.
Terrorists & separatists are the enemies of Kashmir, Kashmiris, development and peace. How can they be someone's brother?: Mukhtar Abbas Naqvi, Union Minister pic.twitter.com/MN6L3tCbM3
— ANI (@ANI) January 11, 2018
वहीं इससे पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. पुलिस फायरिंग में एक स्थानीय युवक की मौत से विधायक नाराज़ नज़र आए. इस हंगामे के बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने साफ किया कि अगर कश्मीर को कुछ हासिल हो सकता है तो इसी मुल्क से हो सकता है.
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महबूबा मुफ़्ती ने हिंसा और आतंकवाद से झुलसते अपने राज्य के अलगाववादी तत्वों को विधानसभा में खड़े होकर महबूबा मुफ़्ती ने ये बहुत साफ़ संदेश दिया. हालांकि इसके पहले दिनभर विधानसभा में हंगामा होता रहा. नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, सीपीएम ने मंगलवार को मुठभेड़ के दौरान मारे गए एक स्थानीय युवक के मामले में विरोध जताया था और कहा था कि ऐसी हिंसा रुकनी चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि नए साल के इन 10 दिनों में 8 नौजवान मारे जा चुके हैं.
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राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कश्मीर को एक छाया युद्ध लड़ना पड़ रहा है.
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