वेतन का दिन : सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बैंक करेंगे विशेष सुविधा

वेतन का दिन : सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बैंक करेंगे विशेष सुविधा

सरकारी कर्मचारियों ने वेतन का नकद भुगतान करने की मांग की थी.

खास बातें

  • नोटबंदी के बाद सरकार की तैयारी नाकाफी साबित हुई है.
  • देश के आम नागरिक इस नोटबंदी से परेशान हैं
  • सरकारी कर्मचारी और पेंशनरों को भी इसी समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में 8 नवंबर को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि आधी रात से 500 और 1000 रुपये के जो नोट चल रहे हैं, वे बंद हो जाएंगे. कालाधन और नोटबंदी से जुड़े अन्य पहलुओं पर गौर करने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया, लेकिन सरकार की तैयारी नाकाफी साबित हुई है. घोषणा के 22 दिन बाद आज भी लोगों को अपने पैसे और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए नकदी की समस्या हो रही है. लोग सुबह से ही बैंक और एटीएम की लाइनों में लग जाते हैं ताकि उन्हें 2000 रुपये मिल सकें जिससे वह अपने और अपने परिवार की दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकें.

ऐसे में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए भी काम के साथ बैंक और एटीएम की लाइन में खड़ा होना काफी दिक्कत की बात है. नोट बंदी के बाद से जहां देश के आम नागरिक इस नोटबंदी से परेशान हैं वहीं, सरकारी कर्मचारी और पेंशनरों को भी इसी समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है. ऐसे में कर्मचारियों की शिकायत थी कि उनका काम प्रभावित हो रहा है.

अब खबरें निकलकर आ रही हैं कि सरकार ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए वेतन में 10000 रुपये नकद देने के लिए अलग से व्यवस्था की जाए. इस बारे में जब कर्मचारी संघ के नेता शिवगोपाल मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर सरकारी कर्मचारियों को 10000 रुपये नकद पहले ही दिए जा चुके हैं. कुछ स्थानों पर नकदी की समस्या आ रही है, लेकिन सरकार से उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान भी निकाल लिया जाएगा.

राजस्थान से हमारी संवाददाता हर्षा कुमारी सिंह ने बताया कि बैंकों को निर्देश मिले हैं कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन देने के लिए बैंक अलग से व्यवस्था करें. यहां यह साफ है कि सरकारी कर्मचारिओं को केवल 10000 रुपये ही नकद दिए जाएंगे, बाकी का वेतन खातों में ही जाएगा, जैसा पहले होता रहा है.

उधर, महाराष्ट्र से खबर है कि सरकार नग़द में तनख्वाह के पक्ष में नहीं है. सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह उनके बैंक अकाउंट में ही जमा होगी. सरकार ने नग़द में तनख्वाह देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है.
बता दें कि महाराष्ट्र में 14 लाख सरकारी कर्मचारी हैं. तनख्वाह के रूप में सरकार को साढ़े सात हजार करोड़ रुनग़द में देने होते.

बता दें कि सातवें वेतन आयोग में कथित अनियमितताओं से लड़ने के लिए बने केंद्रीय कर्मचारियों के संयुक्त संघ एनसीजेसीएम ने सरकार से मांग की थी कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को नंवबर और दिसंबर का वेतन नकद दिया जाए. सरकार ने इस मांग पर गौर किया और जरूरी आदेश जारी कर दिए.

21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी के बारे में एनसीजेसीएम के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने बताया था कि देश के हालात को देखते हुए पीएम मोदी और कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर यह मांग की गई.

अपनी चिट्ठी में संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी (औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वालों सहित) को सरकार बैंकों में सैलरी ट्रांसफर वेतन दिया करती थी. यह प्रथा 1.4.12 से शुरू हुई. कर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार के 500-1000 के नोट पर प्रतिबंध से देश के बैंकों और एटीएम पर अप्रत्याशित स्थिति बन गई है.

संघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि कर्मचारियों को अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए महीने के पहले सप्ताह में कैश की जरूरत होती है. इस चिट्ठी में यह भी मांग की गई थी कि सरकार छोटे नोटों ने वेतन देने की व्यवस्था करे.


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