Patna जल जमाव पर सियासत: दो महीने पहले जिस पूर्व कमिश्नर के काम की मंत्री कर रहे थे तारीफ, अब उसी को बताया जिम्मेदार

दो दिन पहले पटना की इस हालत के लिए पटना के पूर्व निगम आयुक्त अनुपम सुमन को ज़िम्मेदार बता रहे थे. जिसमें वो कह रहे हैं कि वो किसी की नहीं सुनते थे. न ही मेरी न ही मुख्यमंत्री की.

पटना:

पटना (Patna) में बारिश के बाद हुए जल जमाव पर अब सियासत शुरू हो गई है. ताजा मामला बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा से जुड़ा है. जो दो दिन पहले पटना की इस हालत के लिए पटना के पूर्व निगम आयुक्त अनुपम सुमन को ज़िम्मेदार बता रहे थे. जिसमें वो कह रहे हैं कि वो किसी की नहीं सुनते थे. न ही मेरी न ही मुख्यमंत्री की. वे अपनी मर्ज़ी से ही काम करते थे. और इसी वजह से शहर की ये हालत हुई है. इसी बीच जून महीने का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मंत्री सुरेश शर्मा, अनुपम सुमन के काम की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं. पटना के इस होटल में हुए इस कार्यक्रम में मेयर सीता साहू और पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव भी मंच पर दिख रहे हैं. बता दें, पिछले महीने पूर्व कमिश्नर अनुपम सुमन ने वीआरएस ले लिया है.

वीडियो में मंत्री कह रहे है कि पिछले दो साल का वर्क रिकॉर्ड अच्छा रहा है. मैं मेयर से अपील करता हूं कि नगर निगम के कमिश्नर अनुपम सुमन के अच्छे काम के लिए तालियां बजाएं. जब मैं शहरी विकास मंत्री बना तो पटना बहुत खराब था. मैं इसके स्मार्ट सिटी बनने के बारे में सोच भी नहीं सकता था. लेकिन मेयर और पटना नगर निगम कमिश्नर ने शहर को बदल दिया. 

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बता दें, बिहार (Bihar Flood) में बाढ़, बारिश और जल जमाव से बुरे हालात हैं. राज्य में 160 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अब महामारी का ख़तरा मंडरा रहा है. पूरे प्रदेश में डेंगू और चिकनगुनया से प्रभावित लोगों की संख्या 900 के पार पहुंच गई है. जिसमें अकेले पटना में क़रीब 520 मामले हैं. शनिवार को डेंगू के 120 मामले पॉजिटिव पाए गए. जबकि चिकनगुनिया के भी 70 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं. महामारी की आशंकाओं के बीच बिहार (Bihar) सरकार ने सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखते हुए सभी सुविधाओं को जनता के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. पटना जिले के लिए 12 डॉक्टरों की टीम की एक कमेटी बनाई गई है. साथ ही पटना के सभी 35 पूजा पंडालों में जरूरी दवाओं समेत स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है. 

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सरकार के आदेश के बाद पटना के 22 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं. इसके अलावा 10, 11 और 12 अक्टूबर को पटना चिकित्सा महाविद्यालय और नालंदा मेडिकल कॉलेज में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाए गए हैं. इसके अलावा 104 कॉल सेंटर की सुविधाएं भी 24 घंटों के लिए उपलब्ध रहेंगी.

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