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This Article is From Feb 04, 2011

2जी : पाटिल समिति ने राजग को भी लपेटा

नई दिल्ली: दूरसंचार घोटाले की जांच करने वाली समिति ने इस घपले में पूर्ववर्ती राजग सरकार को भी लपेटते हुए कहा है कि देश की स्पेक्ट्रम आवंटन नीति शुरू से ही गड़बड़ रही है। एक सदस्यीय समिति का कहना है कि 2जी लाइसेंस आवंटन में तय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। समिति का कहना है कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने 2007-08 के दौरान जो फैसले किए, वे मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुरूप नहीं थे। वर्ष 2001 से लेकर 2008 के बीच स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रियाओं में खामी का पता लगाने के लिए दूरसंचार मंत्रालय ने पूर्व न्यायाधीश शिवराज वी पाटिल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया था। पाटिल समिति की रिपोर्ट के कुछ अंश जारी करते हुए दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि रिपोर्ट सीबीआई को भेजी जा रही है। सीबीआई 2जी घोटाले की जांच कर रही है। समिति का महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह है कि 2001 से दूरसंचार विभाग ने जो आंतरिक प्रक्रिया अपनाई वह सरकार की मौजूदा नीतियों और निर्देशों के अनुरूप नहीं थी। समिति ने कहा है कि 2003 से स्पेक्ट्रम के साथ यूनिफाइड एक्सेस सर्विस लाइसेंस (यूएएसएल) देने और 2007-08 में उठाया गया कदम न तो मंत्रिमंडल के फैसले (2003 से) के और न ही दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिशों के अनुरूप था।

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