नई दिल्ली:
केंद्र सरकार और सीबीआई आज सुप्रीम कोर्ट में पथरीबल फर्जी मुठभेड़ मामले में अपनी बात रखेंगी। इससे पहले कोर्ट ने सरकार और सीबीआई से पूछा था कि क्या वह इस मामले की सुनवाई डिफेंस कोर्ट को सौंपना चाहती हैं।
जम्मू-कश्मीर के पथरीबल में सैनिक और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पांच लोगों को मार गिराया गया था। कहा गया कि मारे गए लोग छत्तीसिंहपोरा में हुए नरसंहार के आरोपी हैं। इस मामले में सीबीआई और सेना आमने-सामने है। सेना का कहना है कि उसके एक ब्रिगेडियर सहित आठ सैनिकों की जांच सीबीआई नहीं कर सकती, क्योंकि सैनिकों को आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट के तहत छूट मिली हुई है और सरकार की इजाजत के बगैर उनकी जांच नहीं की जा सकती।
वहीं सीबीआई चाहती है कि स्टे हटे ताकि इस मामले में अपनी जांच आगे बढ़ा सके। सेना की एक याचिका के बाद जम्मू-कश्मीर के ट्रायल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पर 2007 में रोक लगा दी गई थी।
जम्मू-कश्मीर के पथरीबल में सैनिक और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पांच लोगों को मार गिराया गया था। कहा गया कि मारे गए लोग छत्तीसिंहपोरा में हुए नरसंहार के आरोपी हैं। इस मामले में सीबीआई और सेना आमने-सामने है। सेना का कहना है कि उसके एक ब्रिगेडियर सहित आठ सैनिकों की जांच सीबीआई नहीं कर सकती, क्योंकि सैनिकों को आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट के तहत छूट मिली हुई है और सरकार की इजाजत के बगैर उनकी जांच नहीं की जा सकती।
वहीं सीबीआई चाहती है कि स्टे हटे ताकि इस मामले में अपनी जांच आगे बढ़ा सके। सेना की एक याचिका के बाद जम्मू-कश्मीर के ट्रायल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पर 2007 में रोक लगा दी गई थी।
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