एसपी सलविंदर सिंह का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
एनआईए ने पठानकोट आतंकवादी हमले के सिलसिले में तीन लोगों को पूछताछ के लिए तलब किया है, जिनमें पंजाब पुलिस के अधीक्षक सलविंदर सिंह शामिल हैं। इन लोगों को पूछताछ के लिए तलब करने का कारण है कि पाकिस्तान की ओर से अनुरोध पत्र दिए जाने की अभी तक प्रतीक्षा की जा रही है, ताकि उनके साथ कानूनी रूप से साक्ष्य साझा किए जा सकें।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने बताया कि सलविंदर सिंह, उसके जौहरी मित्र राजेश वर्मा तथा रसोइये मदन गोपाल को नियमित पूछताछ के लिए तलब किया गया है, क्योंकि एजेंसी 27 मार्च को पाकिस्तान से विशेष जांच दल (एसआईटी) से होने वाली मुलाकात की तैयारियों में जुटी है। अधिकारियों ने कहा कि यह एक नियमित जांच है, क्योंकि मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से पहले कुछ औपचारिकाओं को पूरा किया जाएगा।
एनआईए ने तीनों की झूठ पकडने वाली मशीन से जांच की है तथा उन्हें क्लीन चिट दी है। इन तीनों का कथित रूप से जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने 31 दिसंबर एवं एक जनवरी के बीच की रात में अपहरण कर लिया था। इन्हीं आतंकवादियों ने एक जनवरी की सुबह पठानकोट हवाई अड्डे पर भीषण हमला बोल दिया।
वर्मा का गला काटकर उसे सड़क पर छोड़ दिया गया, जबकि सिंह एवं गोपाल को कुछ दूरी पर छोड़ा गया। इसके बाद आतंकवादी वायुसेना अड्डे की ओर चले गए।
भारतीय वायुसेना के ठिकाने पर सुरक्षाकर्मियों के साथ आतंकवादियों की 80 घंटे तक मुठभेड़ चली। इसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए, जबकि जैश ए मोहम्मद से संबंधित चार आतंकवादियों के शव बरामद किए गए।
एनआईए में दो अन्य शवों को लेकर संदेह बना हुआ है तथा नमूनों को दूसरी सीएफएसएल प्रयोगशाला में भेजे जाने पर विचार चल रहा है। इस बीच, एनआईआए पाकिस्तानी अदालत से अनुरोध पत्र प्राप्त होने के बारे में अभी तक प्रतीक्षारत है ताकि इस अवधि में एकत्र किए गए साक्ष्यों को कानूनी तौर पर एसआईटी को सौंपा जा सके।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने बताया कि सलविंदर सिंह, उसके जौहरी मित्र राजेश वर्मा तथा रसोइये मदन गोपाल को नियमित पूछताछ के लिए तलब किया गया है, क्योंकि एजेंसी 27 मार्च को पाकिस्तान से विशेष जांच दल (एसआईटी) से होने वाली मुलाकात की तैयारियों में जुटी है। अधिकारियों ने कहा कि यह एक नियमित जांच है, क्योंकि मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से पहले कुछ औपचारिकाओं को पूरा किया जाएगा।
एनआईए ने तीनों की झूठ पकडने वाली मशीन से जांच की है तथा उन्हें क्लीन चिट दी है। इन तीनों का कथित रूप से जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने 31 दिसंबर एवं एक जनवरी के बीच की रात में अपहरण कर लिया था। इन्हीं आतंकवादियों ने एक जनवरी की सुबह पठानकोट हवाई अड्डे पर भीषण हमला बोल दिया।
वर्मा का गला काटकर उसे सड़क पर छोड़ दिया गया, जबकि सिंह एवं गोपाल को कुछ दूरी पर छोड़ा गया। इसके बाद आतंकवादी वायुसेना अड्डे की ओर चले गए।
भारतीय वायुसेना के ठिकाने पर सुरक्षाकर्मियों के साथ आतंकवादियों की 80 घंटे तक मुठभेड़ चली। इसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए, जबकि जैश ए मोहम्मद से संबंधित चार आतंकवादियों के शव बरामद किए गए।
एनआईए में दो अन्य शवों को लेकर संदेह बना हुआ है तथा नमूनों को दूसरी सीएफएसएल प्रयोगशाला में भेजे जाने पर विचार चल रहा है। इस बीच, एनआईआए पाकिस्तानी अदालत से अनुरोध पत्र प्राप्त होने के बारे में अभी तक प्रतीक्षारत है ताकि इस अवधि में एकत्र किए गए साक्ष्यों को कानूनी तौर पर एसआईटी को सौंपा जा सके।
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