गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के तहत हुई हिंसा के खिलाफ दिल्ली पुलिस एक के बाद एक एक्शन ले रही है. पुलिस ने इस मामले में दर्जनों एफआईआर दर्ज किए हैं और इस हिंसा में जिन किसान नेताओं और दूसरे आरोपियों के नाम दर्ज हैं, उनके खिलाफ गुरुवार को लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है. अब ये लोग फिलहाल देश के बाहर नहीं जा सकते हैं. पुलिस ने बताया है कि इन नेताओं के पासपोर्ट भी ज़ब्त किए जाएंगे.
बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर कृषि कानूनों विरोध कर रहे किसान संगठनों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी, लेकिन हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए ट्रैक्टरों के बीच यह रैली उग्र हो गई, जिसके बाद केंद्रीय दिल्ली सहित पूर्वी दिल्ली के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं हुई थीं. बहुत से प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले पर पहुंचकर यहां पर एक अन्य झंडा फहरा दिया था.
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि हिंसा की घटनाओं में तकरीबन 300 पुलिसकर्मी घायल हैं. पुलिस ने इस मामले में अबतक राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव और मेधा पाटकर सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ भी नामजद प्राथमिकी दर्ज की है और उनके खिलाफ दंगा, आपराधिक षड्यंत्र, हत्या का प्रयास सहित IPC की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है.
पुलिस ने बुधवार देर रात किसान नेता डॉ दर्शनपाल को नोटिस भी दिया है. नोटिस में दिल्ली पुलिस ने पूछा है कि 'आपका पुलिस के साथ जो समझौता हुआ उसे आपने तोड़ा, ऐसे में बताइए कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.' इस नोटिस का तीन दिन के भीतर जवाब देना है.
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